हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आजतक' में शिरकत करते हुए जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में आसमान और जमीन का फर्क है.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वाजपेयी और नरेंद्र मोदी में आसमान और जमीन का फर्क है. वाजपेयी जब कुछ करने का निर्णय लेते थें तब चुनाव के बारे में नहीं सोचते थे. लेकिन मोदी हमेशा चुनाव जीतने के बारे में सोचते हैं. इतने बड़े जनादेश के साथ जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता सौंपी ऐसा मौका दोबारा नहीं मिलेगा. लेकिन इतना बड़ा मैनडेट होने के बावजूद वो कुछ नहीं कर पाए.
महबूबा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा कि वो कश्मीर का हल इंसानियत के आधार पर करना चाहते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की सरकार के समय ऐसा पहली बार हुआ जब राज्य सरकार और दिल्ली में वाजपेयी सरकार एक जैसा सोच रहे थे. उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने पाकिस्तान के साथ बात की मुजफ्फराबाद का रास्ता खुला, उन्होंने अलगाववादियों के साथ बातचीत की.
उन्होंने कहा कि वाजपेयी सरकार के जाने के बाद केंद्र में दस साल तक यूपीए की सरकार रही लेकिन वो वाजपेयी के काम को आगे लेकर नहीं चल पाए. उन्होंने बातचीत के लिए इंटरलॉक्यूटर नियुक्त किया लेकिन वो कुछ नहीं कर पाए. बदकिस्मती से कांग्रेस और बीजेपी की सरकार में वाजपेयी के अलावा कश्मीर के बारे में किसी ने नहीं सोचा. यदि वाजपेयी दोबारा चुन लिए जाते तो शायद कश्मीर की समस्या का अंत हो जाता.
मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हमें तीन कोने मिलाने हैं सरकार, पाकिस्तान और अलगाववादी. क्योंकि कश्मीर में जो हो रहा है चाहे जवान मारे जा रहे हों या आतंकवादी वो हैं तो हमारे देश और कश्मीर के ही बच्चे.