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भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री पर सोनू निगम की खरी-खरी, किए ये खुलासे

एजेंडा आज तक में सोनू निगम ने तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखी. उन्होंने लाउडस्पीकर विवाद से लेकर पाकिस्तानी सिंगरों तक के मुद्दों पर बेबाक जवाब दिए.

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सोनू निगम
सोनू निगम

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मशहूर सिंगर सोनू निगम सोमवार को एजेंडा आज तक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे. यहां उन्होंने अलग-अलग मुद्दों पर बातचीत की. सोनू ने मीटू कैंपेन, लाउडस्पीकर विवाद, पाकिस्तानी गायकों और ट्विटर छोड़ने जैसे मुद्दों पर बातचीत की. उन्होंने कहा, "मुझे ज्यादा मौक़ा नहीं मिल पाया इस पर अपनी बात रखने का. मैं गवाह हूं कई लोगों का कि अपनी पावर का नाजायज फायदा उठाया है."

उन्होंने कहा, "मैंने दस साल पहले मीटू का मामला उठाया था जब मैंने कहा था कि एक जर्नलिस्ट मुझे तंग कर रहा है. मैं उसका यहां नाम नहीं लूंगा. उसने वैसे भी एक निर्देशक को बोल रखा था कि सोनू निगम के साथ काम मत करना वरना मैं मर जाऊंगा. वो निर्देशक भी बोलता है कि मैं आपके साथ काम नहीं कर सकता हूं क्योंकि वो मर जाएगा."

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सोनू निगम ने बताया कि "आज सुबह मुझे अनू मालिक मिले. ये कहा तक जायज है. आपने बिना प्रूफ के आरोप लगाए. चलिए जायज है. चाहे तो वो बहुत कुछ बोल सकता है. लेकिन नहीं बोला उसने. अगर मैं कहूं कि आपने मेरे साथ बदतमीजी की तो आप कहेंगे कि प्रूफ दिखा. प्रूफ तो नहीं है न. उसके बाद भी हम सम्मान दे रहे हैं उन आरोपों को. उनका नाम खराब कर रहे हैं."

इसलिए छोड़ा ट्विटर

उन्होंने कहा, "मैं अपनी जिंदगी को बहुत पवित्र रखता हूं. मैं जीवन में किसी पर निर्भर नहीं हूं. मैंने काफी चीजें अपने जीवन से सीखी हैं. ये भी कि कहीं भी निगेटिविटी हो वहां अपने आप को न झोंको. ऐसी जगह जहां कोई भी गधा आपको ज्ञान दे जाए. इसलिए मैं ऐसी जगहों पर नहीं दिखता हूं. जहां लोग निगेटिव दिखते हैं मैं छोड़ देता हूं. ट्विटर पर जो लोग होते हैं वो 'गटारिटी' होती है. ट्विटर की गलती इसमें नहीं है. दरअसल, बंदर के हाथ में बंदूक लग गई है. बोलने के हक़ के नाम पर लोग जस्टिफाई करते हैं वहां. कोई सेलिब्रिटी ने स्पेलिंग मिस्टेक कर दी तो लोग सुनाने लग जाते हैं. और तुम गाली दे दो ये अलाउड है."

फन्ने खां के लिए मना कर दिया था

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उन्होंने बताया, "तब हम नए नए आए थे. तब हमारे लिए जरूरी था हमें ये गाना करना. टी सीरीज के गुलशन कुमार कहते थे तू ये गाना गले गले तू ये कर दे. लेकिन अब अच्छा नहीं लगता रीमिक्स गाना. हाल ही में फन्ने खां के लिए अनिल कपूर ने "बदन पे सितारे" के लिए मुझे अप्रोच किया तो मैंने उनसे कहा, अब मुझे ऐसे गाना अच्छा नहीं लगता.

रफ़ी मेरे उस्ताद हैं. उस्ताद का गाना मैं गाऊ. ऐसा नहीं करना चाहिए मुझे. तब अनिल जी ने मुझसे कहा, ये गाना मेरे कैरेक्टर का गाना है. और कैरेक्टर रफ़ी साहब का बहुत बड़ा फैन है. जब मैंने इसे समझा तब मैंने गाना गाया. लेकिन मैं रीमिक्स के पक्ष में नहीं हूं. मैं सोचता हूं कि ये ज्यादा नहीं होना चाहिए."

रफ़ी का कौन सा सबसे फेवरेट गाना है

"रफ़ी साहब से मेरा परिचय मेरे माता पिता ने कराया. मेरे पेरेंट्स ने रफ़ी, किशोर कुमार, लता मंगेशकर, मुकेश, मन्ना डे जैसे तमाम सिंगर्स से मुझे मिलवाया. हमने ये गलती नहीं कि, फला बहुत अच्छे हैं और फला खराब हैं. हमने सबको सुना और सबसे कुछ न कुछ सीखा. ऐसे ही मैं बड़ा हुआ. मेरी जिंदगी में एक भी गाना ऐसा नहीं होगा जिसमें मैंने सहगल साहब से लेकर रफ़ी साहब तक को याद नहीं किया हो."

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"इंसान को कभी भी किसी दौर को हलके में नहीं लेना चाहिए. हर दौर के लोग अपने से बाद वाले को कहते हैं कि ये क्या कर रहा है यार, हमारे दौर में ऐसा था. अभी भी तमाम सिंगर्स अच्छे आ रहे हैं. वो बहुत बेहतर हैं. इस दौर में एल्बम का दौर ख़त्म हो गया है लेकिन सिंगल्स आ रहे हैं. लेकिन ये माहौल ऐसा भी है जब तमाम नई चीजें भी आ गई हैं."

पहला गाना कौन सा था जो सुपरहिट हुआ

"मुझे रातोंरात कुछ नहीं मिला. बेवफा सनम एल्बम थी. वो हिट हुई. उसके बाद फिल्म आई. टीवी पर होस्ट किया. सारेगामापा. फिर संदेशे आते हैं. फिर ये दिल दीवाना...फिर कई गाने और फ़िल्में आईं. स्टेप बाई स्टेप होता रहा ये सब. रातोंरात कुछ नहीं हुआ. भगवान मुझे तैयार करता रहा कि तेरे को झटके से नहीं दूंगा. फेज दर फेज दूंगा."

क्यों नहीं बन रहे अच्छे गाने

"हम मजाक में कहते हैं कि काश हम पाकिस्तान में पैदा हुए होते. मैं कह रहा हूं पता कर लीजिए उसमें तथ्य है. यही कारण है कि म्यूजिक आपके मुताबिक नहीं आ रहे हैं और रीमिक्स पर रीमिक्स आ रहे हैं. पहले म्यूजिक निर्माता, निर्देशक और कम्पोजर बनाते थे. अब कम्पनियां गाना बना रही हैं. लेकिन ऐसे में गाना नहीं बनेगा. याद करने वाले गाने नहीं बनेंगे. गाना अच्छा बनता है तो बीस पच्चीस साल चलता है."

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करियर के शुरुआती दिनों पर

"वास्तव में ये सफ़र मेरा अकेले का नहीं है. ये मेरे पेरेंट्स का भी सफ़र रहा है. मेरे पापा अभी भी बढ़िया गाते हैं. मां का निधन हो गया है, वो भी गाती थीं. मैं चार साल से अपनी मर्जी से गा रहा हूं. मुझे पढ़ाई का शौक था. खेलने का शौक था. मैंने शौक से गाना शुरू किया. मैं बस स्टॉप पर भी खड़ा रहता था तो सुर लगाता था. मैं वक्त खराब नहीं करता था. मैं अभी भी काम करता हूं. कुछ लोगों ने सपोर्ट किया तो कुछ ने विरोध भी किया. ऐसा होता है. मैंने अपने आप को पाया, इसलिए मेरी यात्रा बेहतर रही."

क्यों बन रहे हैं रीमिक्स?

"कभी-कभी लगता है कि यदि हम पाकिस्तान से होते तो अच्छा होता. क्योंकि हमें भारत में काम मिल रहा होता. अब ऐसा हो गया है कि सिंगर्स को म्यूजिक कंपनियों को पैसे देने पड़ते हैं अपने शोज के लिए. यदि आप उन्हें पैसे नहीं देते हैं तो वे आपका गाना बजाएंगे ही नहीं. वो गाना आपको दिलवाएंगे ही नहीं. वो ये करेंगे कि अपने सिंगर्स को गाना दिलवाएंगे और फिर उस सिंगर को बड़ा करेंगे और फिर उससे पैसे लेंगे गाने के."

"वे ऐसा पाकिस्तानी सिंगर्स के साथ ऐसा नहीं करते हैं. ये अच्छी बात है कि वो उनके साथ ऐसा नहीं करते. लेकिन यदि ऐसा ही है तो आप भारतीय गायकों के साथ भी ऐसा क्यों कर रहे हो? आतिफ असलम मेरा अच्छा दोस्त है. आप उसको नहीं बोलते कि शोज के लिए मुझे पैसे दो. राहत को नहीं बोला जाता कि आओ हमारे यहां गाना गाओ और पैसे देना हमको.

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ये धंधा ही उलटा हो गया है. आप पूछ लेना इंडस्ट्री में कि जो मैं कह रहा हूं उसमें कितना सच है. यही कारण है कि नए गाने आ ही नहीं रहे हैं. और रीमिक्स पर रीमिक्स आए जा रहे हैं. पहले निर्देशक, निर्माता, गायक संगीत बनाते थे. आज कल म्यूजिक कंपनियां म्यूजिक बना रही हैं. आपका काम आपको आता है. आप उसे बेहतर कर सकते हो. मैं आपको क्या ज्ञान दूं इसमें."

अजान बंद हो गई, अब नींद आती है

"आप अजान न कहें, बात अजान की नहीं लाउडस्पीकर की है. यह अजान बोल-बोलकर आप लोगों ने भी खराब कर दिया. लाउडस्पीकर पर अगर आप मेरी मां की लोरी भी चलाएंगे तो मुझे बुरा लगेगा. हमें नियमों का पालन करना चाहिए. किसी भी अच्छे और सुसंस्कृत देश में नियमों का पालन किया जाता है. अकड़ में नहीं रहा जाता कि हम करके दिखाएंगे, तोड़ के दिखाएंगे."

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