पाटीदार आंदोलन के अगुवा हार्दिक पटेल ने सत्र में हिस्सा लेते हुए आशंका जाहिर की है कि लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल करने के लिए विजय माल्या से पैसे लेकर उसे देश वापस लाया जा सकता है.
आजतक के खास कार्यक्रम 'एजेंडा आजतक' के मंच पर सोमवार को चार युवा नेताओं ने 'हम हैं नए अंदाज क्यों हो पुराना' नाम के सत्र में हिस्सा लिया. इनमें हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी, चंद्रशेखर आजाद और हनुमान बेनीवाल शामिल रहे. सत्र का संचालन साहिल जोशी ने किया.
इस दौरान हार्दिक पटेल से जब पूछा गया कि देश में नया नेतृत्व उभरकर आ रहा है, लेकिन वह पुराने मुद्दे ही क्यों उठा रहा है? आज फिर से मंडल और कमंडल की राजनीति शुरू हो गई है. हार्दिक पटेल आरक्षण की मांग करते हैं और दूसरे युवा नेता भी एक खास जाति के लिए ही मांग करते दिख रहे हैं. इसके जवाब में हार्दिक पटेल ने कहा - 'अगर हम कहें कि ऐसा नहीं है तो क्या आप मानोगे? जिस समाज से हम आते हैं, आंदोलन की शुरुआत में हमने उस समाज के हित और अधिकार की बात की. लेकिन जब गुजरात में घूमे तो किसान और युवाओं की समस्याएं पता चलीं.'
ये कैसा गुजरात मॉडल?
पटेल ने पीएम मोदी का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'देश में किसान आत्महत्या के मामले किसी मैच के स्कोर की तरह बढ़ते जा रहे हैं. ये कैसा गुजरात मॉडल है, जिसमें किसान जान दे रहे हैं. कुछ सौ सरकारी नौकरियों के लिए 9 लाख लोग फॉर्म भरते हैं. ये देश की हालत है. अगर मैं किसी जाति का नेता हूं तो बीजेपी सिर्फ हिंदुओं की पार्टी है. राम मंदिर बनाना, उसका मकसद था.'
रोजगार, सही दाम मिले तो आरक्षण नहीं मांगेंगे
पटेल और मराठा जैसे मजबूत जाति समूहों को नौकरी में मिलने वाले आरक्षण से जुड़े सवाल पर पटेल ने कहा, 'अगर सरकार 2 करोड़ रोजगार देदे और किसानों को सही दाम दे दे तो हमें आरक्षण नहीं चाहिए. गुजरात में तीन चार जातियां हक की लड़ाई लड़ रही थीं, लेकिन आपस में नहीं लड़ रही थी. आज पहली बार राज्य में कई जातियां साथ आकर सरकार के खिलाफ लड़ने जा रही हैं. अब क्या नेहरू के खिलाफ लड़ाई लड़ें?'
माल्या से पैसे लेकर वापस लाया जा सकता है...
एक सवाल के जवाब में हार्दिक पटेल ने कहा, 'पीएम ने 125 करोड़ भारतीयों से कई वादे किए थे. 15 लाख रुपए दे दो, माल्या और नीरव मोदी को वापस ले आओ. चुनाव में खर्चा करने के लिए माल्या से पैसे लेकर उसे वापस लाया जा सकता है. युवाओं ने मुश्किलों को दूर करने के लिए वोट दिया था. किसानों ने मुंबई, दिल्ली में मार्च किया. सरकार से कोई आदमी वहां नहीं पहुंचा. वादा पूरा न करो तो गर्लफ्रेंड दोस्ती तोड़ देती है. दाऊद को भी वापस लाना है.'
कांग्रेस के खिलाफ भी खड़े होंगे...
हार्दिक पटेल से जब पूछा गया कि नए 'ब्वॉयफ्रेंड' के आने से क्या समस्या खत्म होगी तो उन्होंने कहा- 'अगर कांग्रेस वादा नहीं पूरा करेगी तो उसके खिलाफ भी खड़े होंगे. आज हम डूब रहे हैं. हिंदुस्तान में नौकरी नहीं तो छोकरी भी नहीं मिलती. लोग नक्सलवादी हो सकते हैं.'
क्रांति से सरकार को मजबूर करेंगे...
गुजरात में बड़े पैमाने पर पाटीदार आंदोलन चलाने वाले नेता से जब पूछा गया कि एक पार्टी राम मंदिर की बात कर रही है, दूसरी किसान और आरक्षण की बात कर रही है, ऐसे में इस पूरी राजनीति को तोड़ने के लिए आप क्या करेंगे तो पटेल ने कहा, 'क्रांति के रास्ते पर बड़ी आवाज के साथ सरकार को संवाद करने पर मजबूर करेंगे.'