खेल मंत्री किरण रिजिजू ने ओलंपिक में भारत की मेडल संभावनाओं को बड़ा आकार देने के लिए रोड मैप तैयार कर लिया है, जिस पर लगातार अमल जारी है. उन्होंने सोमवार को आजतक के महामंच एजेंडा आजतक-2019 के दौरान दावा किया कि 2028 ओलंपिक में भारत मेडल विजेताओं की सूची में शीर्ष 10 में होगा.
किरण रिजिजू ने साफ-साफ कहा कि भारत में स्पोर्ट्स कल्चर नहीं हैं. क्रिकेट के अलावा किसी और खेल में हम वो जोर नहीं देखते हैं, जिसकी जरूरत है. उन्होंने कहा, 'पदक आने पर... बस सेलिब्रेट कर लेते हैं.' उन्होंने कहा कि खिलाड़ी को तैयार करने में 8 से 10 साल का समय लगता है. इस लिहाज से 2028 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक तक हम अपने पदकवीर तैयार करने में सक्षम होंगे.
खेल मंत्री ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश को एक मेडल के लिए तरसना शोभा नहीं देता. हमने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं और उस पर अमल किया जा रहा है. वह दिन दूर नहीं, जब भारत स्पोर्टिंग पावर हाउस बनकर उभरेगा. उन्होंने कहा कि ओलंपिक में जाकर सिर्फ खेलना नहीं होता, उसके लिए बहुत सारी चीजें जिम्मेदार होती हैं. जिन्हें हमें मजबूत करने की ओर कदम बढ़ाना है.
किरण रिजिजू ने कहा कि मेडल नहीं जीतने पर कोई खिलाड़ी जीरो नहीं हो जाता. हमने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने के लिए कैश प्राइज का इंतजाम किया. खेलो इंडिया स्कीम को गांव-गांव तक पहुंचाना है. स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं
रिजिजू ने कहा, 'हम TOPS योजना (Target Olympic Podium Scheme) के तहत अपने एथलीटों के प्रदर्शन का आकलन कर रहे हैं. अभी हम आधे रास्ते पर हैं, 61 खिलाड़ियों ने टोक्यो के लिए क्वालिफाई किया है.' 2016 रियो ओलंपिक में भारत का निराशाजनक प्रदर्शन रहा था. तब भारत ने सिर्फ दो पदक जीते थे.
टोक्यो ओलंपिक-2020 से जुड़ी मेडल संभावनाओं पर रिजिजू ने कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि भारत कितने पदक हासिल करेगा. अगले साल अप्रैल-मई में इसका अनुमान लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा, 'हां, इतना कहा जा सकता है कि 2012 के लंदन ओलंपिक की तुलना में ज्यादा मेडल आएंगे.' गौरतलब है कि लंदन ओलंपिक के दौरान भारत की झोली में कुल 6 मेडल (2 सिल्वर, 4 ब्रॉन्ज) आए थे. अगले साल टोक्यो ओलंपिक 24 जुलाई से 9 अगस्त तक खेला जाएगा.