सोमवार को एजेंडा आजतक-2019 के सत्र में ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार, 6 बार की वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियन एमसी मेरीकॉम और प्रो-बॉक्सर विजेंदर सिंह ने शिरकत की. इस दौरान खेल मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद रहे. लंदन ओलंपिक 2012 की कांस्य पदक विजेता मेरीकॉम ने कहा कि मां बनने के बाद का सफर आसान नहीं होता. उन्होंने कहा, 'लेकिन जब तक मैं अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेती, उसे छोड़ती नहीं हूं.'
ओलंपिक में वर्षों बाद महिला बॉक्सिंग को शामिल किया गया और मेरीकॉम ने अपने बदले हुए भारवर्ग (51 किलो भार वर्ग) में मुकाबला कर पदक हासिल किया. उन्होंने कहा, 'मेरे लिए यह कठिन नहीं था. मैं इससे पहले ट्रेनिंग के दौरान अधिक भार वर्ग वालों से फाइट कर चुकी थी.' 36 साल की मेरीकॉम ने कहा, 'कम लंबाई की वजह से लगातार मेरी उपेक्षा की गई. लेकिन लोग क्या कहते हैं, मैं उसे बंद नहीं कर पाऊंगी. मेरा काम नकारात्मक सोच (नेगेटिव) को मिटाना है और परफॉर्म कर खुद को साबित करती हूं. मैं जब तक चाहूंगी खेलूंगी.'
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2008 के बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक और 2012 के लंदन ओलंपिक के रजत पदक विजेता सुशील कुमार ने कहा कि 2016 के रियो ओलंपिक में पदक से दूर रहा, लेकिन अब 2020 के ओलंपिक के लिए सभी प्रशंसकों का आशीर्वाद चाहिए. सुशील कुमार ने कहा कि बीजिंग में पदक जीतने के बाद भारतीय खेल इतिहास में बड़ा बदलाव आया. इसके बाद सभी को लगने लगा था कि ओलंपिक से पदक लाना मुश्किल नहीं है, गोल्ड भी जीता जा सकता है.
बीजिंग ओलंपिक- 2008 में कांस्य पदक जीत चुके प्रो-बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कहा कि मीडिया ने साथ दिया इस वजह से माहौल बना था. 2008 में ओलंपिक पंदक जीतना किसी सपने के सच होने से कम नहीं था. ऐसा लगा कि रातो रात हमने ऊंचाइयां हासिल कर ली है.