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Agenda Aajtak 2019: जरूरत पड़ी तो फिर बालाकोट जैसी कार्रवाईः वायुसेना प्रमुख

अगर जरूरत पड़ी तो फिर बालाकोट जैसी कार्रवाई कर सकते हैं. ये बात कही एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने. एयर चीफ मार्शल भदौरिया एजेंडा आजतक के इंडिया फर्स्ट कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बालाकोट जैसा माहौल हो या करगिल जैसा हम हर तरह के माहौल के लिए तैयार हैं.

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एजेंडा आजतक 2019 में इंडिया फर्स्ट सेशन में बोलते एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया.
एजेंडा आजतक 2019 में इंडिया फर्स्ट सेशन में बोलते एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया.

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  • भारतीय वायुसेना हर माहौल के लिए तैयार
  • दुश्मन को डर है, हमें कोई भय नहीं है

अगर जरूरत पड़ी तो फिर बालाकोट जैसी कार्रवाई कर सकते हैं. ये बात कही एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने. एयर चीफ मार्शल भदौरिया एजेंडा आजतक के इंडिया फर्स्ट कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बालाकोट जैसा माहौल हो या करगिल जैसा हम हर तरह के माहौल के लिए तैयार हैं.

एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि हमें हर तरह के माहौल के लिए तैयार होना चाहिए. बालाकोट जैसा माहौल बनेगा तो उसे उसी हिसाब से हैंडल करेंगे. बालाकोट में टारगेट एक आतंकी कैंप था. अगर पाकिस्तान हम पर हमला करता तो मामला बढ़ सकता था.

वो टारगेट हिट नहीं कर पाए, करते तो हमारी तैयारी थीः वायुसेना प्रमुख

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एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि हमने जब टारगेट किया तो वो लोग आए, हमने उन्हें चैलेंज भी किया. लेकिन वो एक भी टारगेट हिट नहीं कर पाए. करते तो हम उनका जवाब देते, हमारी पूरी तैयारी थी. इसलिए खुद ही देख लीजिए. वो कहां है और हम कहां हैं. हमने उस समय तैयारी कर रखी थी. पाकिस्तान ने भी तैनात और तैयारी कर रखी थीं. हमें किसी का भय नहीं है, दुश्मन को हमेशा भय रहेगा.

राफेल होता तो परिणाम अलग होता

एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि अगर बालाकोट के समय हमारे पास राफेल विमान होता तो परिणाम अलग होता. राफेल आने के बाद पाकिस्तान सोचेगा किसी भी कार्रवाई को करने से पहले.

हम कोई भी टारगेट ध्वस्त कर सकते हैं, सबूत देने की जरूरत नहीं

एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना किसी भी टारगेट को ध्वस्त करने में सक्षम है. साथ ही यह भी सुनिश्चित करती है कि कम से कम नुकसान हो. या कम से कम कोलेटरल डैमेज हो. हमने बालाकोट में क्या किया और उन्होंने क्या किया इसका सबूत देने की जरूरत नहीं है.

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