एजेंडा आजतक के सत्र 'नागरिकता का धर्म' में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बीच तीखी बहस हुई. दोनों नेताओं ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मुद्दे पर पुरजोर तरीके से अपना पक्ष रखा. एक ओर नकवी ने इस कानून को लागू करने के पीछे सरकार की मंशा के बारे में बताया. वहीं, दूसरी ओर ओवैसी ने इसका विरोध करते हुए इनकी खामियों की सरकार का ध्यान खींचा.
ओवैसी ने कहा कि हमें तीन मुल्कों के अल्पसंख्यक हिन्दुओं को नागरिकता देने से कोई दिक्कत नहीं है, सरकार चाहे तो पाकिस्तान के सारे हिन्दुओं को बुलाकर नागरिकता दे सकती है. लेकिन मजहबी आधार पर जो कानून लागू हुआ है वह संविधान के खिलाफ है. क्या नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जानकारी नेहरू, अंबेडकर, सरदार पटेल और राजेंद्र प्रसाद से भी ज्यादा है, जिन्होंने देश का संविधान लागू किया था. जो काम इन लोगों ने नहीं किया वो ये करने जा रहे हैं.
अल्पसंख्यकों के साथ होगा भेदभाव
ओवैसी ने कहा कि इस कानून से हिन्दुस्तान के अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव होगा क्योंकि सीएए और एनआरसी को साथ देखना जरूरी है. किसी हिन्दू और मुस्लिम को नाम NRC में नहीं आया तो हिन्दू तो बच जाएगा लेकिन मुस्लिम नहीं बच पाएगा. पहले सरकार को एनआरसी लागू करना चाहिए था. सरकार देश के 120 करोड़ लोगों को लाइन में खड़ा करने वाली है और फिर सबको विदेश बनाकर उनसे दस्तावेज मांगे जाएंगे.
नकवी ने एनआरसी पर जवाब देते हुए कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि किसी के पास जरूरी दस्तावेजों में से एक भी दस्तावेज न हो. फिर भी जो लोग एनआरसी से बाहर हो गए हैं उन्हें अपील करने का मौका दिया जाएगा, ट्रिब्यूनल में जाने का अधिकार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सीएए देश के नागरिकों के लिए नहीं है बल्कि तीन देशों के अल्पसंख्यकों के लिए यह कानून लाया गया है, आप एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून को जोड़कर नहीं देख सकते.
संविधान की वजह से सेकुलर भारत
नकवी ने कहा कि बंटवारे के बाद भारत में हिन्दू बहुसंख्यक थे और पाकिस्तान में मुस्लिम, लेकिन देश के हिन्दुओं ने भारत को हिन्दू मुल्क नहीं बल्कि धर्मनिरपेक्ष देश बनाया जबकि पाकिस्तान बहुसंख्यक मुसलमानों की वजह से इस्लामिक देश बना. उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान के हिन्दुओं के दिलों में धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता है तभी यह मुल्क दुनिया में सबसे ज्यादा ताकतवर है.
ओवैसी ने कहा कि हिन्दू चाहते हैं इसलिए यह देश धर्मनिरपेक्ष नहीं है बल्कि इसलिए सेकुलर है क्योंकि हमने अपने संविधान को ऐसा बनाया है. उन्होंने नकवी से कहा कि आप पाकिस्तान से मिलाकर हिन्दुस्तान की तौहीन कर रहे हैं, यह संविधान सेकुलर है और इसलिए भारत सेकुलर देश बना. औवेसी ने कहा कि संविधान के तहत कोई फैसला आता है तो वही संविधान ही तो हमें उसे चुनौती देने की इजाजत भी देता है और हमने अयोध्या केस में वही किया है.