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एजेंडा आजतक: गर्भगृह का आकार पुरानी शैली पर ही हो- किशोर कुणाल

गर्भ गृह के लिए मुझे बस इतना ही सुझाव देना है, गर्भगृह का आकार उन्हीं 14 पत्थरों पर आधारित होना चाहिए जो कि प्राचीन मंदिर का था. जो 1130 ई. में गोविंदचंद्र के गवर्नर अनय चंद ने बनाया था.

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किशोर कुणाल, लेखक अयोध्या रिविजिटेड (फोटो-चंद्रदीप कुमार/इंडिया टुडे)
किशोर कुणाल, लेखक अयोध्या रिविजिटेड (फोटो-चंद्रदीप कुमार/इंडिया टुडे)

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  • गर्भगृह का आकार उन्हीं 14 पत्थरों पर आधारित होना चाहिए- कुणाल
  • मंदिर विष्णु हरि मंदिर के तर्ज पर हो या संसार का सबसे बड़ा मंदिर

'आजतक' के हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आजतक' के आठवें संस्करण के पहले दिन ‘मंदिर वहीं बनेगा' सत्र में अयोध्या रीविजिटेड किताब के लेखक और आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल ने मंदिर के शिल्प पर चर्चा की. उन्होंने कहा, 'प्राचीन नक्शे के आधार पर मंदिर बनना चाहिए. अयोध्या में इसी स्थान पर एक मंदिर था. जहां 14 खंभे कसौटी पत्थर लगे हुए थे. उसका नक्शा भी बना हुआ है. इसमें 14 कसौटी पत्थरों को दिखलाया गया है.'

उन्होंने कहा कि गर्भ गृह के लिए मुझे बस इतना ही सुझाव देना है, गर्भगृह का आकार उन्हीं 14 पत्थरों पर आधारित होना चाहिए, जो कि प्राचीन मंदिर का था. जो 1130 ई. में गोविंदचंद्र के गवर्नर अनय चंद ने बनाया था. यह मेरा एक सुझाव है. इसमें एक सोने का कलश होना चाहिए. दूसरा, प्राचीन मंदिर में बहुत सारे शिखर थे इसलिए गगनचुंबी शिखर बने. तीसरा, कि दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर बने. ट्रस्ट के लोगों को निर्णय लेना है कि मंदिर विष्णु हरि मंदिर के तर्ज पर होगा या संसार का सबसे बड़ा मंदिर बनाएं. इन तीनों विकल्पों में जो भी अच्छा लगे वो मानें.

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राम जन्मभूमि न्यास वालों को ट्रस्ट में मिले प्रतिनिधित्व

वहीं ट्रस्ट में हिस्सेदारी को लेकर किशोर कुणाल ने कहा, 'जो लोग राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े रहे हैं उन सबों का प्रतिनिधित्व इस ट्रस्ट में होना चाहिए. यह पहली कसौटी होनी चाहिए. उसके बाद आर्किटेक्ट और बुद्धीजीवियों का नंबर आता है. राम जन्मभूमि न्यास का सबसे बड़ा अधिकार बनता है लेकिन उसके साथ एक कानूनी अड़चन है कि जिस एक्ट के अंतर्गत जमीन का अधिग्रहण किया गया था, उस एक्ट में लिखा हुआ है कि सरकार यह जमीन उसी को दे सकती है. जिसका गठन एक्ट बनने की तिथी के बाद हुआ हो. यानी जनवरी 1993 के बाद जिस ट्रस्ट का गठन है उसी को ये जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसलिए कानूनन राम जन्मभूमि न्यास को नहीं दिया जा सकता. लेकिन उनके सदस्यों को रखते हुए एक नए ट्रस्ट का गठन होना चाहिए. ट्रस्ट के गठन के बारे में मेरा यही सुझाव है.

दूसरा सुझाव यह है कि हमलोग रामायण पढ़ने वाले लोग हैं. रामचिरतमानस का अनुसरण करने वाले हैं. रामायण की आत्मा त्याग है. जो लोग इससे जुड़े हुए हैं वो त्याग की भावना रखें. राम जी की सेवा उनकी पूजा-अर्चना से भी हो सकती है. न्यास के सदस्य होने से भी हो सकती है. इसलिए अगर त्याग का भाव रखेंगे तो कहीं कोई दिक्कत नहीं होगी.  

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'एजेंडा आजतक' का आठवां संस्करण शुरू

19 साल से लगातार भारत का नंबर वन न्यूज चैनल रहे 'आजतक' के हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आजतक' के आठवें संस्करण की शुरुआत सोमवार सुबह वंदे मातरम के साथ हुई. इसके बाद इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने स्वागत भाषण दिया.

उन्होंने कहा कि सभी तरह के विचारों को बगैर किसी दबाव और रोक-टोक के साथ आपके सामने प्रस्तुत करना हमारा प्रमुख एजेंडा है. हिंदी जगत के महामंच का यह आठवां संस्करण है.

उन्होंने आगे कहा कि यह वो एजेंडा आजतक है जिसने दूसरे और कार्यक्रमों का आयोजन किया है. एजेंडा आजतक का पहला एडिशन 2012 में हुआ था. उस समय आजतक का कोई और इवेंट नहीं था. इस एक इवेंट ने नक्शा ही बदल दिया. दिल्ली के ली मेरिडियन होटल में आयोजित दो दिवसीय 'एजेंडा आजतक' 16 और 17 दिसंबर 2019 चलेगा.

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