राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल विस्ता का इलाका पुनर्विकसित करने की परियोजना चर्चा में है. सोमवार को एजेंडा आजतक 2019 के मंच पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस परियोजना को लेकर भी बात की. दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभाल रहे पुरी ने केजरीवाल सरकार को भी घेरा.
सेंट्रल विस्ता इलाके को पुनर्विकसित करने के पीछे भाजपा की सोच क्या है, इस सवाल के जवाब में पुरी ने कहा कि यह प्रोजेक्ट भाजपा का नहीं, केंद्र सरकार का है. उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुराना सपना है. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने कहा कि सेंट्रल विस्ता के इलाके के लिए डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर कई साल से विचार किया जा रहा था.
उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट की प्लानिंग के लिए हमने दुनिया की मेजर कैपिटल सिटीज के सेंट्रल विस्ता की प्लानिंग का अध्ययन किया. हमने कई अंतराष्ट्रीय कंपनियों के साथ भी विमर्श किया. इसके बाद इस प्रोजेक्ट के लिए छह कंपनियों का चयन किया. डिजाइन के संबंध में पुरी ने कहा कि राष्ट्रपति भवन और संसद भवन वैसे ही रहेंगे, जैसे हैं.
क्यों था जरूरी
सेंट्रल विस्ता क्यों जरूरी था, इस बिंदु को रेखांकित करते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हम सरकारी अधिकारियों के एकोमोडेशन पर 1000 करोड़ रुपये सालाना खर्च कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास स्पेस है, लेकिन उस स्पेस का उपयोग किए जाने की जरूरत है.
यूएनओ में काम को मानें ट्रेनिंग
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के प्रतिनिधि भी रह चुके पुरी ने कहा कि एक अधिकारी के तौर पर कार्यकाल को हम ट्रेनिंग मानें. उन्होंने कहा कि यूएनओ में प्रतिनिधि रहने के बाद जब सिविल एविशन, कॉमर्स, इंडस्ट्रीज जैसे मंत्रालयों में कार्य शुरू किया तो लोग तरह- तरह की बात करते थे. ऑस्ट्रेलिया का प्रधानमंत्री रहे केविन रड के साथ काम कर चुका था, रड ने भी ट्वीट कर कहा था कि न्यूयॉर्क एजेंडा 2030 के 17 में से 6 मंत्रालय डील कर रहा. पुरी ने कहा कि उसी काम को आगे बढ़ा रहा हूं.