एजेंडा आजतक 2019 के दूसरे दिन के अंतिम सत्र 'शाह है तो संभव है' में देश के केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शिरकत की. गृह मंत्री ने इस सत्र में नागरिकता कानून पर स्पष्ट विचार रखे और देश के अल्पसंख्यक वर्ग को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है. यह एक्ट नागरिकता लेने नहीं देने के लिए लाया गया है. इस चर्चा के दौरान अमित शाह ने तीन तलाक, धारा 370, राम मंदिर, नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर सरकार का पक्ष जनता के सामने रखा.
नागरिकता कानून की टाइमिंग को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वित्त विभाग अपना काम कर रहा है, गृह विभाग अपना काम कर रहा है. सरकार इस तरह से नहीं चलती कि एक जगह क्राइसिस है, कहीं लॉ एंड ऑर्डर की समस्या है तो वित्त विभाग काम करना बंद कर देगा. निर्मला जी ऐसा तो नहीं कहेंगी कि नहीं-नहीं प्रॉयोरिटी अभी यह है, वित्त विभाग वाले सारे भागो अभी. ऐसे देश नहीं चलता है.
उन्होंने आगे कहा कि हर विभाग अपने हिसाब से काम करता है. एक साथ काम करता है. एक लीडर के नेतृत्व में चलता है और परफॉर्म करता है. मैं आपको बताता हूं सारे फैसले के बारे में आप कुछ भूल गए होंगे. मैं आपको याद कराता हूं. इसमें ट्रिपल तलाक भी जोड़ दो. ये सारे फैसले जिस पर विवाद हो रहा है. मैं आज सारे फैसलों पर देश की जनता को जवाब दूंगा. सबको कुछ भी बोलने के पहले कुछ भी करने से पहले उसकी तह में जाना चाहिए.
ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट था
शाह ने कहा कि ट्रिपल तलाक का फैसला भारत की सरकार ने किया. यह सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट था. हम मानेंगे या नहीं मानेंगे. देश किस प्रकार चलेगा. आपने कांग्रेस से आज पूछा कि ट्रिपल तलाक का विरोध क्यों नहीं किया. आपको पूछना चाहिए था. विपक्षी पार्टी इसको भी मुस्लिम तुष्टिकरण का एक्ट मानती है कि वोट बैंक की राजनीति हो रही है. तो क्या सुप्रीम कोर्ट वोट बैंक की राजनीति कर रहा है.
370 हटाने का रास्ता कांग्रेस ने ही डाला
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 370 की बात करें तो जब 370 बनी तब सारे कांग्रेस के लीडर देश की संविधान सभा में थे, उसको कोई नकार नहीं सकता है. उसको टंपरेरी रखा गया. क्यों टंपरेरी रखा, परमानेंट कर देते तो हटाने का सवाल ही नहीं आता. हटाने का रास्ता 373 में डाला गया, क्यों डाला गया. आपने ही डाला है, आपने ही कहा है. नेहरु जी ने संसद में कहा है कि घिसते-घिसते घिस जाएगी तो हमने घिस डाली. इसमें हमने क्या नया किया.
अयोध्या विवाद को लेकर 1994 में कांग्रेस अयोध्या एक्ट लाई
अयोध्या में 1994 में कांग्रेस पार्टी एक्ट लेकर आई. एक्ट क्या था कि सुप्रीम कोर्ट का जो जजमेंट आएगा हिंदुओं के पक्ष में आएगा तो भूमि हिंदुओं को दी जाएगी, मुसलमानों के पक्ष में आएगा तो मुस्लिमों को दी जाएगी. हमने कोर्ट की राह देखी, कोई कानून हाथ में नहीं लिया. पांच जजों की बेंच बैठी. इन सबने एकमत से फैसला दिया और जमीन हिंदुओं को दे दी. अब हम सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का पालन कर रहे हैं तो उसमें भी हम कम्यूनल हैं.
CAA पर बोले शाह- नेहरू जी ने वादा किया था हमने पूरा किया
सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल पर बात करते हुए शाह ने कहा कि जैसा कि मैंने कहा नेहरू जी ने समझौता करके कहा था कि अगर ये सारे वहां नहीं रहना चाहते तो हम स्वीकार करेंगे. हमने स्वीकार कर लिया. उन्होंने तब कहा तो कम्यूनल नहीं हुए, हमने कर दिया तो कम्यूनल हो गए.
एनआरसी का कांसेप्ट राजीव गांधी लेकर आए
शाह ने आगे कहा कि अब एनआरसी की बात करते हैं. एनआरसी का कांसेप्ट राजीव गांधी लेकर आए और आज सोनिया गांधी विरोध कर रही हैं. राजीव गांधी लेकर आए तो सेकुलर था. वो असम अकॉर्ड का भाग था. जो उन्होंने 2004 और 2009 में किया. वो करते हैं तो सेकुलर हैं और हम करते हैं तो कम्यूनल हैं. आपको वोट बैंक की राजनीति करनी है तो आप विरोध कर रहे हैं. हमने सारे फैसले संविधान की आत्मा के साथ लिए हैं.