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मोदी सरकार पीओके को कब बनाएगी भारत का हिस्सा? जितेंद्र सिंह ने दिया ये जवाब

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि बालाकोट और उरी से मोदी सरकार ने ये संदेश दिया कि यह सरकार गंभीर है. यह सरकार निर्णय लेती है. पाकिस्तान में यह डर पैदा हो गया है कि भारत अब पीओके को वापस ले लेगा, इसलिए पाकिस्तान ने पीओके का स्वरूप बदलने की प्रक्रिया शुरू की है. उन्हें (पाकिस्तान) को डर है कि भारत का अगला कदम पीओके हो सकता है. इसलिए पाकिस्तान ने पीओके के प्रशासनिक ढांचे में बदलाव करना शुरू कर दिया है. अब वहां के प्रशासनिक ढांचे का नाम बदल दिया गया है.

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एजेंडा आजतक के 'बदल रहा है कश्मीर! सेशन में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह
एजेंडा आजतक के 'बदल रहा है कश्मीर! सेशन में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह

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  • 'भारत से डरने लगा है पाकिस्तान'
  • 'पीओके में प्रशासनिक ढांचा बदला'

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि बालाकोट और उरी से मोदी सरकार ने ये संदेश दिया कि यह सरकार गंभीर है. यह सरकार निर्णय लेती है. पाकिस्तान में यह डर पैदा हो गया है कि भारत अब पीओके को वापस ले लेगा, इसलिए पाकिस्तान ने पीओके का स्वरूप बदलने की प्रक्रिया शुरू की है. उन्हें (पाकिस्तान) को डर है कि भारत का अगला कदम पीओके हो सकता है. इसलिए पाकिस्तान ने पीओके के प्रशासनिक ढांचे में बदलाव करना शुरू कर दिया है. अब वहां के प्रशासनिक ढांचे का नाम बदल दिया गया है.

जितेंद्र सिंह ने कहा कि पीओके को लेकर एक प्रस्ताव 1994 में पास कर दिया गया था, लेकिन कांग्रेस की सरकारों ने इसकी अनदेखी की. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब यह होकर रहेगा. अब पाकिस्तान हमें लेकर गंभीर हो गया है. 'एजेंडा आजतक' के 'बदल रहा है कश्मीर!' सत्र में जितेंद्र सिंह ने ये बात कहीं.

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पीओके को भारत का हिस्सा कब बनाया जाएगा, इस सवाल पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस बात की व्याख्या करना मेरे लिए उचित नहीं है, इसका मुझे अधिकार भी नहीं है. इससे पहले 370 को लेकर बहसें होती थीं कि इसे कैसे खत्म किया जाएगा, या इसे आधा खत्म किया जाएगा, या आधा पौना जाएगा, लेकिन फिर बिना कुछ किए हो गया. इसलिए जब ये (पीओके को भारत में मिलाने की प्रक्रिया) होगा तो फिर हम सब चर्चा करेंगे.

370 को निरस्त करना सफल

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को सफल बताया है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में अब शांति है. राज्य में अब सामान्य हालात बहाल होने लगे हैं. कल्पना से ज्यादा वहां से 370 हटाना सफल रहा है. पिछले छह महीनों में कोई हिंसा नहीं हुई है, यह पिछले 30 सालों में पहली बार हुआ है. पाकिस्तान के उकसाने पर कश्मीर में हिंसा होती रही है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है. अब श्रीनगर के बाजारों में भीड़ होने लगे हैं.

'एजेंडा आजतक' के 'बदल रहा है कश्मीर!' सत्र में जितेंद्र सिंह ने ये बात कहीं. कश्मीर में हालात सामान्य हैं तो पूर्व मुख्यमंत्रियों को जेल में क्यों रखा? इस सवाल पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि ये कोई आपत्तिजनक बात नहीं है. मैं कहता हूं कि अमित शाह अब तक के सबसे बहुत दयालु गृह मंत्री हैं. हाउस अरेस्ट का मतलब क्या होता है? प्रधानमंत्री रहते हुए जवाहरलाल नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को तमिलनाडु में हाउस अरेस्ट में रखा था. जबकि कहा जाता है कि शेख अब्दुल्ला और नेहरू में अच्छे रिश्ते थे. लेकिन फिर भी 2 हजार किलोमीटर ले जाकर उनको (शेख अब्दुल्ला) जेल में रखा गया था. उस समय इंटरनेट नहीं था, फोन नहीं था, एसटीडी फोन की सुविधा भी नहीं थी. हाउस अरेस्ट का मतलब है कि उस अमुक व्यक्ति का संपर्क खत्म कर दो. राजनीतिक कैदी हैं तो उन्हें घर में रखा जाता है.

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जितेंद्र सिंह ने कश्मीर के पूर्व के तीनों मुख्यमंत्रियों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि यहां तो उनके घर में चार सिपाही ज्यादा तैनात कर दिए गए हैं. इसे तो कायदे से हाउस अरेस्ट भी नहीं कहा जा सकता है. फारूक अब्दुल्ला के मामले में तो बिल्कुल भी नहीं कहा जा सकता है कि वो हाउस अरेस्ट में हैं. ये मेरी राय नहीं है, लेकिन एक तबके का कहना है कि चूंकि ये (फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती) अंदर हैं, इसीलिए हालात सामान्य हैं.  

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