एजेंडा आजतक 2019 के नागरिकता का धर्म विषयक सत्र में बोलते हुए अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कई शंकाओं के निराकरण की कोशिश की और विपक्ष के आरोपों के जवाब भी दिए. नकवी ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और हिंसा के पीछे मंशा पर सवाल भी उठाए.
नकवी ने कहा कि भारत का मुसलमान तरक्की पसंद है. देश की आजादी से लेकर विकास में भी मुसलमान बराबर का भागीदार है. उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद देश के विभिन्न स्थानों पर हो रही हिंसा से जुड़े सवाल पर कहा कि जो लोग ऐसा कर रहे हैं, उनकी मंशा क्या है, यह वही जानें.
नकवी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए सवाल किया कि वह बताएं कि मोदी सरकार के एक भी कार्य को उन्होंने सराहा हो. उन्होंने मोदी सरकार की योजनाओं से लाभान्वित हुए मुसलमानों के आंकड़ों का भी जिक्र किया. नकवी ने कहा कि मुद्रा योजना के कुल लाभार्थियों में 37 फीसदी और किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों में 31 फीसदी मुसलमान हैं. आयुष्मान भारत और उज्ज्वला जैसी योजनाओं में भी अल्पसंख्यक समाज के लोगों की भागीदारी अच्छी है.
नकवी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून भारतीयों के लिए नहीं, बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर आए अल्पसंख्यकों के लिए है. उन्होंने देश के अल्पसंख्यकों की चिंता पर कहा कि भारत का मुसलमान कोई पेड़ की डाली पर बैठी चिड़िया नहीं जिसे कोई आ के हिला दे और वह उड़ाकर चला जाएगा.
उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह मुसलमानों को संदेश दे रहे हैं कि तुम्हारी नागरिकता तो अब गई. वह सद्भाव की बात कर ही नहीं सकते. नकवी ने अतीत का जिक्र करते हुए कहा कि विभाजन के बाद पाकिस्तान मुस्लिम राष्ट्र बन गया लेकिन भारत ने सेक्युलरिज्म अपनाया. सेक्युलरिज्म और सहिष्णुता यहां के बहुसंख्यक हिंदुओं के डीएनए में है. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि भारत ताकतवर है. इतिहास की सच्चाई को भूला नहीं जा सकता.