महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बावजूद राज्य में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने में नाकाम रही थी. महाराष्ट्र से आने वाले केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि उन्हें राज्य में सरकार गठन में कोई जिम्मेदारी नहीं मिली थी. नितिन गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार गठन में क्यों कामयाब नहीं हो पाई, इसका जवाब देवेंद्र फडणवीस और अमित शाह दे पाएंगे.
एजेंडा आजतक 2019 के मंच पर नितिन गडकरी से जब पूछा गया कि महाराष्ट्र का एक्सिडेंट क्यों नहीं बचा पाए? मुस्कराते हुए नितिन गडकरी ने कहा, 'मेरे डिपार्टमेंट का सेफ्टी कानून उधर लागू नहीं होता है.'
नहीं मिली जिम्मेदारी
क्या आपको महाराष्ट्र की जिम्मेदारी नहीं दी गई थी? इस सवाल पर उन्होंने कहा, 'ये बात सच है कि जिम्मेदारी का मेरे साथ कोई संबंध नहीं था. इसलिए मेरे करने का कोई सवाल नहीं उठता. देवेंद्र फडणवीस सक्षम हैं, वो कर रहे थे. जहां जरूरत पड़ती थी मुझसे बात करते थे.' जब उनसे पूछा गया कि पेच कहां फंस गया? इस पर नितिन गडकरी ने कहा कि ये तो देवेंद्र फडणवीस या अमित भाई बता पाएंगे. वो पार्टी के अध्यक्ष हैं और मुख्यमंत्री वही (फडणवीस) थे.
पार्टी के अध्यक्ष आप भी रहे, क्या आपको सीएम बनाया जा रहा था? बताया जा रहा था कि शिवसेना और संघ भी इस बात पर राजी थे कि नितिन गडकरी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे? इस बात नितिन गडकरी ने कहा कि मैं पूर्व में अध्यक्ष था, अभी मैं मंत्री हूं. मैं अपना काम जानता हूं, वो करता हूं.
नितिन गडकरी ने कहा कि, 'मैं राजनीतिज्ञ नहीं हूं, जो बोलता हूं वो करता हूं. मैंने कभी डिप्लोमेसी नहीं अपनाई. बहुत साफ बात कहता हूं. मैं दिल्ली आना नहीं चाहता था. जब मेरे पास बीजेपी का अध्यक्ष बनने का प्रस्ताव आया, तब मैं दिल से दिल्ली आना नहीं चाहता था. अब मैं दिल्ली आया हूं. अब मैंने दिल्ली को डेस्टनी बनाई है. अब मैं दिल्ली को छोड़ना नहीं चाहता. इसलिए मेरे महाराष्ट्र में जाने का सवाल ही नहीं उठता है. न मुझे जाना है और न ही मुझे कोई भेज रहा है.'
महाराष्ट्र में सरकार गठन में भूमिका के एक अन्य सवाल पर नितिन गडकरी ने कहा कि वर्क ऑर्डर नहीं मिला तो कहां से मिलूंगा. जो मुझसे मदद मांगता है, उसकी मदद करूंगा. उद्धव ठाकरे को आपने मदद की, इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरे सभी नेताओं से सबसे संबंध हैं. मैंने काम में कोई राजनीति नहीं की है.
12 घंटे में दिल्ली से मुंबई ले जाऊंगा
इससे पहले नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क निर्माण में जो तकनीकी खामियां हुई हैं उन्हें दूर किया जा रहा है. इससे सड़क हादसे रुकेंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 50 हजार करोड़ के रोड बनने जा रहे हैं. इससे दिल्ली का प्रदूषण कम होगा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के पिछड़े इलाकों से होता हुआ जाएगा. उन्होंने कहा कि इस हाइवे के जमीन अधिग्रहण में सरकार ने 16 हजार करोड़ रुपये बचाए हैं. गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे बनने के बाद 12 लेन के इस राजमार्ग पर 12-13 घंटे में दिल्ली से मुंबई पहुंचा जा सकेगा. इस प्रोजेक्ट के 60 फीसदी काम बांट दिए गए हैं. तीन साल में सड़क बन जाएगी.