एजेंडा आजतक 2019 के दूसरे दिन एक विशेष सत्र में केन्द्रीय वाणिज्य, उद्योग और रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शिरकत की. केन्द्र सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री मंच पर हों और नागरिकता कानून और उसको लेकर देश भर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों की चर्चा न हो ऐसा हो ही नहीं सकता था. सत्र के दौरान नागरिकता कानून और उससे जुड़े तमाम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. दोनों ही केन्द्रीय मंत्रियों ने बारी-बारी से सरकार का पक्ष रखा और यह विश्वास दिलाया कि इस बिल से भारतीय नागरिकों का कोई नुकसान नहीं होने वाला, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है.
पीयूष गोयल ने दिया यूएस मीडिया का उदाहरण
चर्चा के दौरान नागरिकता कानून को लेकर 22 विश्वविद्यालय में छात्रों के विरोध से जुड़े एक सवाल पर बात करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि हम सब की जिम्मेदारी बनती है कि हम उत्तेजनाएं कम करके रियलिटी लोगों के सामने रखें.
इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने अमेरिका में घटी एक आतंकवादी घटना का उदाहरण देते हुए वहां की मीडिया की तारीफ की. गोयल ने कहा कि वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के वक्त यूएस मीडिया ने खुद को सेल्फ रेगुलेट किया था. एक भी घिनौनी तस्वीर सामने नहीं आई. किसी भी चैनल ने बढ़ा-चढ़ा कर नहीं दिखाया. मीडिया चाहती तो एक समुदाय के खिलाफ गुस्सा भड़क सकता था. लेकिन उन लोगों ने टोन डाउन कर सब खत्म कर दिया.
पीयूष गोयल ने कहा- यहां मीडिया मिस इनफॉर्मेशन दे रही
पीयूष गोयल ने आगे कहा कि यहां मीडिया मिस इनफॉर्मेशन दे रही है. उत्तेजना फैला रही. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. नागरिकता कानून से भारतीयों को डरने की जरूरत नहीं है. शरणार्थियों को न्याय दिलाने का वादा था. हमें जनता ने मेजॉरिटी दी ताकि हम वादा पूरा कर सकें और हमने अपना वादा पूरा किया. पड़ोसी देशों में मुस्लिम प्रताड़ित हो नहीं सकते इसलिए उन्हें छोड़कर दूसरों को अलाउ कर रहे हैं. सिर्फ अवैध घुसपैठियों को दिक्कत हो रही है. बच्चों को समझ नहीं है. मैं यहां से सभी मीडिया से अनुरोध करुंगा कि आप सही बात बताइए और लोगों की शंका दूर कीजिए.
इसी सवाल पर अपनी राय रखते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पीआईबी ने सब साफ कर रखा है. भारत के नागरिकों को कुछ नहीं होना है. घुसपैठियों का होना है. थोड़े दिन जाने दीजिए सारे देश में रुक जाएगा जैसे असम में रुकी.