'आजतक' के हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आजतक' के आठवें संस्करण के पहले दिन ‘मंदिर वहीं बनेगा' सत्र में राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य राम विलास वेदांती ने कहा कि हम चाहते हैं कि 1111 फुट ऊंचा रामलला का मंदिर बने और इसके शिखर पर जब चंद्रकांता मणि लगे तो चमक इतनी तेज हो कि वह कराची और इस्लामाबाद तक से दिखाई दे.
राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य राम विलास वेदांती ने कहा कि कुछ षडयंत्रकारियों ने साधु-महात्माओं को आपस में लड़ाने की कोशिश की. लेकिन हम चाहते हैं कि अयोध्या में मंदिर का जो मॉडल रखा हुआ है उसी तरह का निर्माण हो. मैंने देश के कई प्रसिद्ध और भव्य मंदिरों का दर्शन किया है. दिल्ली और गुजरात के अक्षरधाम मंदिर का भी दर्शन किया है.
उन्होंने कहा कि इस तरह से देशभर के कई मंदिरों को देखने के बाद हमे लगता है कि 67 एकड़ जमीन रामलला मंदिर बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है. अगर हम चाहते हैं कि राम का भव्य मंदिर बने तो इसके लिए जमीन बढ़ानी पड़ेगी.
1111 फुट ऊंचा मंदिर बनेः वेदांती
राम विलास वेदांती ने कहा कि हम चाहते हैं कि 1111 फुट ऊंचा रामलला का मंदिर बने और इसके शिखर पर जब चंद्रकांता मणि लगे तो इतनी तेज चमके कि वह कराची से इस्लामाबाद से श्रीनगर से दिल्ली से कोलकाता तक से दिखाई दे.
वेदांती ने कहा कि राजा विक्रमादित्य ने जो राम मंदिर बनवाया था वह मंदिर लखनऊ से दिखता था. बाबर ने लखनऊ की अट्टालिका पर चढ़कर पूर्व दिशा की ओर देखा तो उसे दो चांद दिखाई दिए थे. बबार ने पूछा कि यहां 2 चांद कैसे दिखाई दे रहे हैं. इस पर मीर बाकी ने बताया कि अयोध्या का मंदिर विक्रमादित्य ने बनवाया था और मंदिर के शिखर पर लगी हुई चंद्रकांता मणि है. चंद्रकांता मणि का प्रकाश लखनऊ तक जाता था.
राव विलास वेदांती ने कहा कि मैं चाहता हूं कि सांप्रदायिक सद्भावना बनी रहे. उन्होंने बताया कि आज ही सुबह मुझे पता चला कि इकबाल अंसारी ने कहा है कि जब मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो तो वह 11 लाख रुपये और एक ईंट दान करना चाहेंगे. उन्होंने कहा कि ऐसा आध्यात्मिक मंदिर बने जो विश्व स्तर पर पर्यटक स्थल के रूप में स्थापित हो.राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य राम विलास वेदांती ने कहा कि - राजा विक्रमादित्य ने जो राम मंदिर बनवाया था वह लखनऊ से दिखता था...बाबर ने लखनऊ की अट्टालिका पर चढ़कर उत्तर की ओर देखा तो उसे दो चांद दिखाई दिए थे।
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— आज तक (@aajtak) December 16, 2019
दूसरी ओर, अयोध्या को पर्यटन का केंद्र बनाए जाने की बात पर वीएचपी के आचार्य धर्मेंद्र ने कहा कि अयोध्या तीर्थ स्थल है, इसे पर्यटन का केंद्र नहीं बनाया जाना चाहिए. यह हमारा सबसे बड़ा तीर्थ स्थल है. राम हमारे हृदय में रमे हुए हैं. यहां पर सबका साथ सबका विकास नहीं चाहिए. केवल देशभक्तों का साथ चाहिए.
'एजेंडा आजतक' का आठवां संस्करण
पिछले 19 साल से लगातार भारत का नंबर वन न्यूज चैनल रहे 'आजतक' के हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आजतक' के आठवें संस्करण का आगाज सोमवार को हो गया. एजेंडा आजतक की शुरुआत सोमवार सुबह वंदे मातरम से हुई. इसके बाद इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने स्वागत भाषण दिया. दिल्ली के ली मेरिडियन होटल में आयोजित दो दिवसीय 'एजेंडा आजतक' 16 और 17 दिसंबर 2019 चलेगा.
एजेंडा आजतक अन्य इवेंट्स की नींवः कली पुरी
इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने एजेंडा आजतक के महत्व के बारे में बताते हुए इस आयोजन को अपने सभी कार्यक्रमों की नींव बताया. उन्होंने कहा कि सभी तरह के विचारों को बगैर किसी दबाव और रोक-टोक के साथ आपके सामने प्रस्तुत करना हमारा प्रमुख एजेंडा है. हिंदी जगत के महामंच का यह आठवां संस्करण है. उन्होंने आगे कहा कि यह वो एजेंडा आजतक है जिसने दूसरे और कार्यक्रमों का आयोजन किया है. एजेंडा आजतक का पहला एडिशन 2012 में हुआ था. उस समय आजतक का कोई और इवेंट नहीं था. इस एक इवेंट ने नक्शा ही बदल दिया.