गडकरी ने पांच करोड़ नौकरियां पैदा करने के सवाल पर कहा कि हमने 40 किलोमीटर सड़क प्रतिदिन बनाने का लक्ष्य रखा था, अब वह 32 हो गया है, इस साल तक शायद 40 भी हो जाए. ठीक ऐसे ही 5 करोड़ नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य भी रखा गया है. गडकरी ने कहा कि MSME सेक्टर में नई-नई योजनाओं से रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे, स्थिति चुनौतीपूर्ण हैं लेकिन हम रास्ता निकालने के लिए काम कर रहे हैं, हालांकि इसमें वक्त लग सकता है.
आयात कम करने के प्रयास जारी
गडकरी ने कहा कि MSME ने 6 महीने से वाणिज्य मंत्रालय से जानकारी जुटाई है कि देश में क्या-क्या आयात होता है, अब मेरा विभाग शोध कर रहा है कि क्या यह सामान आयात न होकर देश में तैयार हो सकता है ताकि यहां रोजगार उतपन्न हो सके. बायोफ्यूल की दिशा में हमने आयात की बजाय देश में ईंधन तैयार करने की योजना बनाई है. इसी तरह शुगर की बजाय हम इथेनॉल बना रहे हैं, उससे किसानों को संरक्षण दिया जा रहा है, बंद हुई शुगर फैक्ट्रियों के लिए योजना तैयार की जा रही है.
गडकरी ने कहा कि देश में 1.45 लाख करोड़ लेदर सेक्टर है जिसमें 48 हजार करोड़ निर्यात है और 85 हजार करोड़ घरेलू बाजार है, इस क्षेत्र में हम निर्यात को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं. ठीक इसी तरह 4.5 लाख करोड़ का ऑटोमोबाइल सेक्टर जो सबसे ज्यादा रोजगार दे सकता है. सरकार की योजना है कि भारत को इलेक्ट्रिक मोटर साइकिल, इलेक्ट्रिक बस और कार का मैन्युफैक्चरिंग हब बनाया जाए. आने वाले 5 साल में भारत इलेक्ट्रिक व्हीकल का मैन्युफैक्चरिंग हब दुनियाभर में बनने जा रहा है.
स्क्रैपिंग पॉलिसी से आएंगी नौकरियां?
गडकरी ने कहा कि सरकार स्क्रैपिंग पॉलिसी लाने जा रही है ताकि दुनियाभर से कॉपर, एलुमीनियम, रबर, प्लास्टिक के कचरे को भारत में लाकर रिसाइकल किया जा सके. इससे उत्पाद की लागत को कम किया जा सकेगा और रोजगार सृजन किया जाएगा. उन्होंने कहा की नीतियां बन रही हैं लेकिन यह तुरंत नहीं होगा, इसमें वक्त लग सकता है.
केंद्रीय गडकरी ने सरकार की नीतियों पर कहा कि अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव होते हैं लेकिन जल्द लोगों की समस्याएं दूर होंगी. उन्होंने कहा कि हम तेजी से बढ़ती इकॉनोमी हैं और ऐसे उतार-चढ़ाव पहले भी आए हैं. गडकरी ने कहा कि आज दुनिया के बड़े देशों की विकास दर भी काफी नीचे है.