'एजेंडा आजतक' में आजतक के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद के कश्मीर के हालात सामान्य होने के दावे और गुलाम नबी आजाद का इसी मंच से यह कहना कि नेताओं को वहां पर अभी भी नजरबंद रखा गया है और नेता वहां नहीं जा पा रहे हैं, ऐसा क्यों, सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में नेताओं को जाने से किसी ने नहीं रोका. यहां तक की किसी ने प्रयास भी नहीं किया. यह सब शुरुआत की बात थी. दूसरी बात जहां तक नेताओं को छोड़ने का सवाल है तो इस पर वहां का प्रशासन इस पर निर्णय करेगा.
उन्होंने आगे कहा, 'गुलाम नबी आजाद को मैं साफ जवाब देना चाहता हूं कि हमने तो बड़े अच्छे तरीके से फारुक अब्दुल्ला को कश्मीर के अंदर रखा है और बाहर सिर्फ 2 कॉन्स्टेबल ही रखा है. आपने तो तमिलनाडु के कोडइकनाल में 11 साल तक शेख अब्दुल्ला को जेल में रखकर बैठे थे. उनको तो यह सवाल पूछने का अधिकार ही नहीं है. कोई और पूछे तो मैं उन्हें जवाब दूं.'
नेताओं के छोड़ने के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि मैंने तो पहले ही कहा था कि इस पर फैसला स्थानीय प्रशासन करेगा.
'शाह है तो संभव है' सत्र में गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकों की चिंता को दूर करते हुए कहा कि नागरिकता संशोधन एक्ट से किसी की नागरिकता नहीं जाती, बल्कि इससे नागरिकता मिलती है. इस एक्ट से सभी अल्पसंख्यक भाइयों-बहनों को रत्ती भर भी नुकसान नहीं होने वाला. उन्होंने कहा कि एक्ट सिर्फ नागरिकता देने का अधिकार है और जब किसी को नागरिकता देने का कानून है तो देश के मुस्लिम हों या हिंदू किसी को नागरिकता को लेकर डरने की जरुरत ही नहीं है.
एजेंडा आजतक में कई केंद्रीय मंत्री
हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आजतक ' के दूसरे दिन मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल, आर्मी चीफ बिपिन रावत, क्रिकेटर युवराज सिंह, हरभजन सिंह, अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, एक्टर अक्षय कुमार, आयुष्मान खुराना समेत कई बड़ी हस्तियों ने शिरकत की.