'आजतक' के हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आजतक' के आठवें संस्करण के पहले दिन ‘मंदिर वहीं बनेगा' सत्र में अयोध्या रिविजिटेड किताब के लेखक और आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल ने कहा कि इस ट्रस्ट में सबसे ज्यादा अधिकार राम जन्मभूमि न्यास का बनता है. जो लोग राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े रहे हैं उन सबों का प्रतिनिधित्व इस ट्रस्ट में होना चाहिए. यह पहली कसौटी होनी चाहिए. उसके बाद आर्किटेक्ट और बुद्धीजीवियों का नंबर आता है. राम जन्मभूमि न्यास का सबसे बड़ा अधिकार बनता है लेकिन उसके साथ एक कानूनी अड़चन है कि जिस एक्ट के अंतर्गत जमीन का अधिग्रहण किया गया था, उस एक्ट में लिखा हुआ है कि सरकार यह जमीन उसी को दे सकती है, जिसका गठन एक्ट बनने की तिथि के बाद हुआ हो. यानी जनवरी 1993 के बाद जिस ट्रस्ट का गठन है उसी को ये जिम्मेदारी दी जा सकती है.
इसलिए कानून राम जन्मभूमि न्यास को नहीं दिया जा सकता. लेकिन उनके सदस्यों को रखते हुए एक नए ट्रस्ट का गठन होना चाहिए. ट्रस्ट के गठन के बारे में मेरा यही सुझाव है.
दूसरा सुझाव यह है कि हमलोग रामायण पढ़ने वाले लोग हैं. रामचिरतमानस का अनुसरण करने वाले हैं. रामायण की आत्मा त्याग है. जो लोग इससे जुड़े हुए हैं वो त्याग की भावना रखें. राम जी की सेवा उनकी पूजा-अर्चना से भी हो सकती है. न्यास के सदस्य होने से भी हो सकती है. इसलिए अगर त्याग का भाव रखेंगे तो कहीं कोई दिक्कत नहीं होगी.किशोर कुणाल ने आगे कहा कि भरत और राम के किस्से इस बात का उदाहरण हैं. दोनों एक दूसरे पर सत्ता लूटाते रहे. पूरे विश्व इतिहास में इस तरह का उदाहरण देखने को नहीं मिलेगा.
श्री आचार्य धर्मेंद्र, नेता विश्व हिंदू परिषद
राम जन्मभूमि न्यास एक प्रमाणिक और विश्वसनीय न्यास है. राम मंदिर के लिए देश के अंदर ऊर्जा जगाने का काम इसी न्यास ने किया. इसलिए न्यास के रहते किसी और को भागीदार उठाने का सवाल ही नहीं उठता. लेकिन आप कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने अलग से सरकारी ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया तो मेरा कहना है कि यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में जाने वाला ही नहीं था.
सरकार को बहुमत ही श्री राम की कृपा से मिली थी. सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों का पहले उद्घोष होता था- यह तो अभी झांकी है, काशी-मथुरा बाकी है. इसलिए अलग से ट्रस्ट की जरूरत नहीं थी. अगर इस देश को धर्मनिरपेक्ष संविधान मिला है तो वो हिंदुओं का बनाया हुआ है.
यह मंदिर बिना सीमेंट के स्थापत्य कला के लिहाज से बन रहा है तो इसे बनाने में पांच साल लगेंगे. हम जैसे लोगों के लिए अब अगला एजेंडा होगा काशी में विश्वनाथ काशी और मथुरा में कृष्ण मंदिर के पुनरुद्धार का.
अयोध्या में भव्य मंदिर बने- राम विलास वेदांती
राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य राम विलास वेदांती ने सुप्रीम कोर्ट की ओर मंदिर को लेकर ट्रस्ट बनाए जाने के आदेश पर कहा कि ट्रस्ट बनना चाहिए, लेकिन यह ट्रस्ट सरकारी ट्रस्ट के रूप में नहीं होना चाहिए.
राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य राम विलास वेदांती ने कहा कि मंदिर को लेकर ट्रस्ट बनना चाहिए, लेकिन ध्यान रखना होगा कि यह सरकारी ट्रस्ट न बन जाए. उन्होंने कहा कि अभी केंद्र में बीजेपी की सरकार है तो ठीक है. लेकिन कल को राम विरोधी सरकार आ जाए और वह कहे कि बगल में मस्जिद बनाएंगे तो क्या होगा. उन्होंने कहा कि देश के हर तबके को मंदिर निर्माण से जोड़ना चाहिए.
राम विलास वेदांती ने कहा कि वह चाहते हैं कि अयोध्या में भव्य मंदिर बने. मंदिर इतना भव्य बने कि दुनियाभर के पर्यटक अयोध्या घूमने आएं. यह नगरी भगवना राम की धरती है और इसे पर्यटक स्थल के रूप में घोषित किया जाना चाहिए.
हालांकि ट्रस्ट के गठन को लेकर विश्व हिन्दू परिषद के आचार्य धर्मेंद्र ने कहा कि राम जन्मभूमि न्यास एक बेहद पुराना ट्रस्ट है. मंदिर को लेकर आंदोलन चलाने में इसकी बड़ी और अहम भूमिका रही है. इसके रहते किसी और ट्र्स्ट की जरूरत नहीं थी, लेकिन अब जब फैसला हो गया है तो इसको लेकर अप्रिय विवाद नहीं होना चाहिए.
'एजेंडा आजतक' का आठवां संस्करण शुरू
19 साल से लगातार भारत का नंबर वन न्यूज चैनल रहे 'आजतक' के हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आजतक' के आठवें संस्करण की शुरुआत सोमवार सुबह वंदे मातरम के साथ हुई. इसके बाद इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने स्वागत भाषण दिया.
उन्होंने एजेंडा आजतक के महत्व के बारे में बताते हुए इस आयोजन को अपने सभी कार्यक्रमों की नींव बताया. कली पुरी ने कहा कि सभी तरह के विचारों को बगैर किसी दबाव और रोक-टोक के साथ आपके सामने प्रस्तुत करना हमारा प्रमुख एजेंडा है. हिंदी जगत के महामंच का यह आठवां संस्करण है.
उन्होंने आगे कहा कि यह वो एजेंडा आजतक है जिसने दूसरे और कार्यक्रमों का आयोजन किया है. एजेंडा आजतक का पहला एडिशन 2012 में हुआ था. उस समय आजतक का कोई और इवेंट नहीं था. इस एक इवेंट ने नक्शा ही बदल दिया. दिल्ली के ली मेरिडियन होटल में आयोजित दो दिवसीय 'एजेंडा आजतक' 16 और 17 दिसंबर 2019 चलेगा.