राजधानी दिल्ली में विचारों का महामंच 'एजेंडा आजतक' दूसरे दिन भी जारी है. कार्यक्रम में राजनीति से लेकर मनोरंजन और खेल जगत से जुड़ी नामचीन हस्तियां हिस्सा ले रही हैं. 'किसके साथ किस पर विश्वास' नाम के सेशन में लोकसभा सांसद और एआईएमआईएम (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी शिरकत की.
असदुद्दीन ओवैसी से सवाल-जवाब कर रही थीं आजतक की वरिष्ठ पत्रकार अंजना ओम कश्यप. मंच पर असदुद्दीन ओवैसी ने गुजरात पर पार्टी की हार पर अपने विचार रखे साथ ही ये भी कहा कि मुसलमानों को अब कांग्रेस से इश़्क छोड़ देना चाहिए.
'जान प्यारी भी नहीं जान से जाते भी नहीं'
अंजना ओम कश्यप का कहना था कि कांग्रेस आरोप लगा रही है कि 13 सीटों पर लड़ने वाले ओवैसी साहब ने बीजेपी का काम आसान कर दिया. इसपर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम 13 सीटों पर लड़े हैं, 169 सीटों पर नहीं लड़े. बल्कि हम तो 14 पर लड़े थे, एक को कांग्रेस ने खरीद लिया था, फिर भी कांग्रेस उस सीट पर हार गई. कांग्रेस की एक प्रॉब्लम है- 'जान प्यारी भी नहीं जान से जाते भी नहीं'. इल्जाम लगाना इनका काम है.
'वो बीजेपी को नहीं हरा पाएंगे'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का वोट बैंक गिर गया है. मुस्लिम समाज को ये बात समझनी चाहिए कि कांग्रेस से उनको रोमांस या इश़्क अब खत्म करना चाहिए, क्योंकि वो बीजेपी को नहीं हरा पाएंगे. इसलिए ये ज़रूरी है कि भारत के बहुत से प्रदेशों में खासकर मुस्लिम और दलित आदिवासियों को अपने इंडिपेंडेंट लीडरशिप को बनाना पड़ेगा.
'बाबा बनकर फिर रहे हैं वो'
अंजना ओम कश्यप ने सवाल किया कि अगर आप न होते और 'आप' न होती, तो कांग्रेस वाला जीत जाता. इसपर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आप और 'आप' कब तक आप और आप करते रहेंगे, तुम क्या कर रहे हो, तुम भी तो कुछ करो. आपका नेता तो पूरे भारत में पैदल-पैदल फिर रहा है. उसपर भी हम जिम्मेदारी देंगे क्या? बाबा बनकर फिर रहे हैं वो. किसी ने अच्छा कहा है कि इनको हिमाचल नहीं बुलाए, वरना हार जाते वहां पर भी.
उन्होंने कहा कि यहां पर कम्यूनलिज़्म है. ओवैसी को गाली देंगे, लेकिन दिल्ली के सीएम को कुछ नहीं बोलेंगे. शायद उनका नाम ओवैसी नहीं है. हम नहीं जीते वो बात और है, हम फैसले को मानते हैं. हम अपनी कमजोरी को दूर करेंगे. लेकिन भारत के संविधान में ये बात कब से आ गई कि मुझे पूछकर लड़ना पड़ेगा. मैं क्यों पूछूंगा आपसे.