Chandrayaan-3 मिशन की एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर कल्पना कालाहस्ती कहती हैं कि जब चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर ने सॉफ्ट लैंडिंग की, वो हमारे लिए सबसे बड़ा मोमेंट था. हमें बहुत संतुष्टि हुई अपनी सफलता देखकर. खुश हुए. हमारे लिए, हमारी संस्था और टीम के लिए यह बड़े गर्व की बात थी. हम जो काम चंद्रयान-2 मिशन में नहीं कर पाए, वो काम इस मिशन में पूरा किया.
कल्पना ने कहा कि चंद्रयान-3 की चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग मानव जाति के लिए बड़ी कामयाबी है. उन्होंने कहा कि हम पहली बार हम पहली बार दक्षिणी ध्रुव के पास उतरे हैं. हमने पहली बार इनसीटू एक्सपेरीमेंट किया है. इससे बहुत सारा साइंटिफिक डेटा मिला है. लैंडर में तीन और रोवर में दो पेलोड है.
हमनें चांद पर आने वाले भूकंपीय गतिविधि की स्टडी की. चांद पर आने वाले प्लाज्मा की पहली बार स्टडी की है. सारे प्रयोग पहली बार किए गए हैं. कैसा पर्यावरण है वहां पर. ये सब पहली बार है. इनसे हमें बहुत सारा डेटा मिला है. इससे भविष्य में काफी ज्यादा मदद मिलेगी.
मैं कभी स्कूल-कॉलेज में टॉपर नहीं रही पर आज वैज्ञानिक हूं
हम अपने रिसोर्सेस को संतुलित तरीके से चलाते हैं. मैं कभी टॉपर नहीं रही. घर पर सपोर्ट सिस्टम जरूरी है. हमें मिलता है. तभी हम ज्यादा से ज्यादा समय इसरो में समय दे पाते हैं. फैमिली के साथ भी समय बिताते हैं. जब जरूरी होता है तो मौजूद रहता है. हमारा परिवार यह समझता है. इसलिए इसमें कोई दिक्कत नहीं होती.
चंद्रयान-3 की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग सबसे बड़ी उपलब्धि
चांद पर कविताएं-गाने लिखे गए... लेकिन जो आपको जानकारी मिली उसमें सबसे खास क्या है...इस सवाल के जवाब में कल्पना ने कहा कि सॉफ्ट लैंडिंग सबसे बड़ी उपलब्धि थी. उसका प्रदर्शन बहुत जरूरी था. अंधेरा था. वहां लगातार साइंस मिशन करने का चैलेंज है. हमने चैलेंज पूरा किया है. हमने जो भी पेलोड्स भेजे हैं, उससे वहां के पर्यावरण की बहुत अच्छी जानकारी मिली है.
हमें यह पता चला कि वहां पर क्या रिसोर्सेस हैं. हमने लैंडर को छलांग लगवाई. इससे सैंपल रिटर्न मिशन में मदद मिलेगी. चंद्रयान-3 पूरी तरह से स्वदेशी है. उसका हर पेलोड स्वदेशी था. इस वजह से भारत और इसरो की धाक पूरी दुनिया में जमी है. हम सही रास्ते पर चल रहे हैं. हमें थोड़ा समय लगेगा. हम उस तरफ जा रहे हैं. चंद्रयान-3 मिशन अगले मून मिशन के लिए लॉन्च पैड था.