ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी शनिवार को आजतक के कार्यक्रम एजेंडा आजतक के मंच पर थे. असदुद्दीन ओवैसी ने एजेंडा आजतक के 'मेरी आवाज सुनो' सेशन में लोकसभा चुनाव से लेकर महाराष्ट्र के चुनाव तक, सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. एजेंडा आजतक के मंच पर ओवैसी ने इश्क की परिभाषा भी बताई.
दरअसल, इस सत्र की मॉडरेटर आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप ने चुनाव नतीजों का जिक्र करते हुए कहा कि सब आपको बस सुनना चाहते हैं, वोट नहीं देना चाहते. अपने आप को कई बार लैला कहते हैं न पॉलिटिक्स में कि सब आपके इर्द-गिर्द ही घूमते हैं और जनता ही सनम बेवफा हो गई आपके साथ.
इस सवाल के जवाब में ओवैसी ने कहा कि इश्क में बेवफाई बहुत बड़ी चीज होती है. वरना इश्क ही नहीं होगा वो. वो तो ट्रांजैक्शनल रिलेशनशिप होगा. इसके बाद दाढ़ी को लेकर सवाल पर ओवैसी ने कहा कि दाढ़ी तो नरेंद्र मोदी को भी है. उनके जैसी दाढ़ी रखने वाले ही सेफ हैं. उन्होंने कहा कि ओवैसी जैसी दाढ़ी रखने वाले परेशान हैं आजकल कि कहां मेरे घर में खुदाई हो जाए कि पांच सौ साल पहले कुछ था यहां पर.
यह भी पढ़ें: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर जुर्म हो रहे और कठघरे में भारत के मुसलमान खड़े किए जा रहे हैं- असदुद्दीन ओवैसी
संसद में दो से एक पर आने, महाराष्ट्र चुनाव में दो से एक सीट पर आने को लेकर सवाल पर ओवैसी ने कहा कि कोई बात नहीं. ये जनता है. नरेंद्र मोदी की मेजॉरिटी कम हो गई. अयोध्या हार गए. उन्होंने तीसरी बार मोदी सरकार पर कहा कि 240 पर आकर रुक गए, चार सौ पार नहीं हुए. अगर नरेंद्र मोदी की मेजॉरिटी कम हुई तो उनको भी रात में नींद नहीं आती होगी. अयोध्या की सीट हार गए, महाराष्ट्र में कई सीट हार गए. हारे हैं न.
यह भी पढ़ें: 'वर्शिप एक्ट को फॉलो कीजिए, भारत को मजबूत रखिए, वरना...', संभल हिंसा पर बोले असदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रही घटनाओं को लेकर सवाल पर कहा कि सरकार को बांग्लादेश सरकार के साथ बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि शेख हसीना क्या कर रही हैं यहां. रिश्ते देश के साथ होते हैं न कि परिवार के साथ. ओवैसी ने बांग्लादेश को दी जा रही 55 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता का भी उल्लेख किया और कहा कि अडानी ने झारखंड में प्लांट लगाया है और वहां से बांग्लादेश को बिजली सप्लाई की जा रही है. उसका पैसा भी अडानी को नहीं मिल रहा. यह सारी बातें हमने संसद में भी कही हैं.