एजेंडा आजतक के मंच पर भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी और कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी के बीच जोरदार बहस हुई. इस दौरान सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस और भाजपा के बीच के मूल फर्क को बताया. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस सत्ता केंद्रित लीडर आधारित पार्टी है और भाजपा विचारधारा केंद्रित कैडर आधारित पार्टी है. उन्होंने कहा कि भाजपा में आज तक वर्टिकल परिवर्तन नहीं हुआ, भाजपा में सत्ता परिवर्तन होता है तो आराम से होता है कभी आपसी कलह की खबरें नहीं आतीं. लेकिन कांग्रेस जब-जब सत्ता से बाहर जाती है तो आपसी कलह से गुजरती है.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस को इसके लिए भाजपा पर दोष नहीं मड़ना चाहिए. उन्होंने सवाल पूछा कि जब ममता बनर्जी, जगन मोहन रेड्डी, शरद पवार, अर्जुन सिंह छोड़ कर गए तब मोदी जी थे क्या? सुधांशु त्रिवेदी ने आगे सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस नेता को और पुराना वक्त याद दिलाया. उन्होंने एक सांस में कई पुराने नेताओं के नाम गिनाए और पूछा कि क्या तब भी कांग्रेस टूटने के लिए मोदी जी जिम्मेदार थे? भाजपा नेता ने कहा कि जब-जब सत्ता छूटती है, तब-तब कांग्रेस छूटती है.
'नेहरू पहले पीएम कैसे बने?'
भाजपा नेता ने कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र पर भी सवाल उठाए. उन्होंने आजादी से पहले का वक्त याद दिलाया. भाजपा ने कांग्रेस की उस नीति का भी विरोध किया जिसके तहत पंडित जवाहर लाल नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया गया था. उन्होंने कहा कि नेहरू जी 15 अगस्त 1947 को नहीं 2 सितंबर 1946 को अंतरिम सरकार के पीएम बने थे. भाजपा नेता ने कहा कि अप्रैल 1946 में कांग्रेस की एक बैठक बुलाई गई थी जिसमें यह तय किया गया कि जो कांग्रेस का अध्यक्ष होगा वही देश का नेतृत्व करेगा. तब इसके लिए वोटिंग हुई और एक वोट मिला पट्टाभि सीतारमैया को, 2 वोट मिले कृपलानी जी को, बाकी सारे वोट मिले सरदार पटेल को. जबकि पंडित जवाहर लाल नेहरू को एक भी वोट नहीं मिला. लेकिन इसके बावजूद भी नेहरू जी प्रधानमंत्री बने. इस उदाहरण को देकर भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र पर सवाल खड़े किए.
'मैडम के इशारे पर पीएम बने मनमोहन सिंह'
इसके बाद सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस के अंतिम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी बात की. भाजपा नेता ने कहा कि प्रणव मुखर्जी की पुस्तक विमोचन के समय मनमोहन सिंह ने खुद कहा था, 'जब मुझसे पीएम बनने के लिए कहा गया तो मैं प्रणव दा के पास गया. मैंने कहा कि प्रणव दा आप मुझसे ज्यादा योग्य हैं. आप सबसे ज्यादा योग्य हैं लेकिन मैडम ने मुझे पीएम बनने के लिए कहा है.' भाजपा नेता ने नेहरू जी से मनमोहन काल तक के कांग्रेस शासन के लोकतंत्र को कटघरे में खड़ा कर दिया.