scorecardresearch
 

Jagdeep Dhankhar: जब राज्य में अलग पार्टी की सरकार हो तो राज्यपाल पंचिंग बैग बन जाता है- जगदीप धनखड़

Agenda Aajtak 2021: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) एजेंडा आजतक कार्यक्रम में शामिल हुए. संविधान की शपथ सत्र में राज्यपाल धनखड़ ने कई अहम पहलुओं पर अपनी राय रखी.

Advertisement
X
Bengal Governor
Bengal Governor
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता सरकार को घेरा
  • धनखड़ ने कहा- बंगाल में हालात बेहद चुनौतीपूर्ण

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने एजेंडा आजतक कार्यक्रम में राज्य की ममता बनर्जी सरकार को निशाने पर लिया. 'संविधान की शपथ' सत्र में राज्यपाल धनखड़ ने बताया कि बंगाल में हालात बेहद चुनौतीपूर्ण हैं.

Advertisement

बंगाल के राज्यपाल से पूछा गया कि आपने जो संविधान की शपथ ली, क्या आप उसकी रक्षा कर पा रहे हैं? इस सवाल के जवाब में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि जब राज्यपाल उस राज्य में जाता है जहां दूसरी पार्टी (केंद्र सरकार से अलग पार्टी की सरकार) की सरकार है तो वहां राज्यपाल पंचिंग बैग बन जाता है, उसको शक की नजर से देखा जाता है. 

बता दें कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है, जबकि केंद्र में बीजेपी की सरकार है और राज्यपाल केंद्र के प्रतिनिधि के तौर पर काम करते हैं. बंगाल में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच अक्सर टकराव की स्थिति नजर आती है.

बंगाल में हालात चुनौतीपूर्ण

राज्यपाल धनखड़ ने कहा, ''पश्चिम बंगाल एक चुनौतीपूर्ण राज्य है. वहां के हालात प्रशासनिक दृष्टि से अत्यंत चिंताजनक हैं. वहां की व्यवस्था संविधान की मर्यादा से दूर है. आजादी के बाद वहां सबसे भयानक चुनाव बाद हिंसा हुई. ''

Advertisement

सीएम ममता बनर्जी को घेरा

बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि दो साल से ज्यादा हो गए, हमारी तरफ से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बहुत से विषयों पर जानकारी मांगी गई, लेकिन आजतक एक भी जानकारी नहीं मिली. राज्यपाल धनखड़ ने खासकर, IAS अधिकारियों को टारगेट करते हुए बताया कि अधिकारियों की तरफ से भी जानकारी नहीं दी जाती.

'वीसी नियुक्त हो गए, मुझे पता तक नहीं'

राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि जब बंगाल डेमोक्रेसी के लिए गैस चैंबर बन रहा हो तो क्या मैं चुप बैठूं? धनखड़ ने कहा, ''राज्यपाल ने बंगाल की विधानसभा को दो बार एड्रेस किया, दोनों बार ब्लैकआउट रहा. राज्यपाल ने स्पीकर को कहकर विधानसभा का दौरा किया, दरवाजे के ताले लग गए. बिना राज्यपाल की मर्जी के किसी वीसी की नियुक्ति नहीं होती, मेरे यहां एक दर्जन से ज्यादा वीसी नियुक्ति हो गए और मुझे पता ही नहीं. 2012 से आजतक एक बार भी CAG ऑडिट नहीं हुआ है.''

Advertisement
Advertisement