भाजपा अध्यक्ष जेडी नड्डा ने एजेंडा आजतक में कहा कि किसी डर की वजह से कृषि कानूनों की वापसी नहीं हुई है. उन्होंने आगे कहा कि किसानों को हम क्या समझाते. हम समझाने में पूरी तरह से सक्षम हैं, लेकिन किसान आंदोलन में हमें यही समझ नहीं आया कि किसानों को समझाना क्या है. किसानों को किस चीज के बारे में समझना है. कानून की किस धारा से... सेक्शन से किसान को नुकसान हो रहा है. वे समझना ही नहीं चाहते. केवल कानून वापस लेने की ही मांग करते रहे.
वहीं पांच राज्यों में चुनाव हैं, बीजेपी अध्यक्ष इसके लिए कितने तैयार हैं? के जवाब में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हमारी पार्टी विचार प्रधान पार्टी है. हम समाज में बदलाव लाने वाली पार्टी है. हम चाहते हैं कि हमारे कार्यकर्ता के विचारों का विकास हो. इसके लिए काम करते हैं. उत्तर प्रदेश में हम हर मुद्दे पर गंभीरता से काम करते आ रहे हैं. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हर कार्य सूझबूझ के साथ किया जा रहा है.
'किसान आंदोलन का असर चुनावों पर नहीं पड़ा'
कृषि कानूनों की वापसी के सवाल पर बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि जहां तक कृषि कानून की बात है तो हम डरे नहीं हैं. यह भारत का आंदोलन नहीं था. यह एक क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा चलाया गया आंदोलन था. बिहार, असम, पुडुचेरी में हमने सरकार बनाई. बंगाल में तीस प्रतिशत से 38 प्रतिशत वोट तक भाजपा पहुंची है. किसान बिल का कोई असर चुनावों पर नहीं पड़ा.
यूपी, राजस्थान सहित कई राज्यों में भाजपा ने लोकल बॉडी के 100 में से 60 सीटों पर चुनाव जीते हैं. ये चुनाव किसान आंदोलन के समय में ही हुए हैं. कृषि कानूनों को लेकर हमने समझाने की पूरी कोशिश की.
नड्डा ने कहा कि एमएसपी की मांग यूपीए सरकार में क्यों नहीं की गई. केवल भाजपा सरकार ने ही किसानों के भले के लिए काम किया है. एसएसपी पर उच्च स्तरीय कमेटी बनेगी. इसमें स्टेकहोल्डर्स भी शामिल होंगे. जो भी निर्णय कमेटी करेगी, वही मान्य होगा. बीजेपी सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाओं का लाभ दिया है.