Minister of Law & Justice Kiren Rijiju at Agenda aajtak 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संविधान दिवस के मौके पर कहा था कि सरकार और न्यायपालिका, दोनों का जन्म संविधान की कोख से हुआ है. इसलिए, दोनों ही जुड़वां संतान हैं. आजतक के महामंच 'एजेंडा आजतक 2021' के 'कानून के रखवाले' सेशन में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू से इस पर बातचीत हुई.
भारत के 43वें कानून मंत्री रिजिजू से सवाल किया गया कि प्रधानमंत्री मोदी का 'सरकार और न्यायपालिका' को जुड़वां संतान बताने से क्या आशय है? कानून मंत्री (Kiren Rijiju) ने इसके जवाब में कहा कि संविधान के तीन पिलर्स हैं, जिसमें विधायिका (legislative), कार्यपालिका (Executive) और न्यायपालिका (Judiciary) शामिल है.
Executive यानी कार्यपालिका को प्रधानमंत्री हेड करते हैं. ऐसे में अगर सरकार की ओर से संविधान दिवस पर कुछ कहा जा रहा है तो ज्यूडिशरी (Judiciary) यानी न्यायपालिका को ऐसा नहीं लगना चाहिए कि वो अलग है. पीएम मोदी ने इसीलिए जुड़वा शब्द का इस्तेमाल किया क्योंकि सब एक ही थंब का हिस्सा हैं. प्रधानमंत्री मोदी के कहने का यही तात्पर्य था कि देश के हित में हम मिलकर काम करेंगे.
पीएम मोदी का 'सरकार और न्यायपालिका' को जुड़वां संतानें बताने से क्या आशय है? @KirenRijiju, कानून मंत्री, ने दिया जवाब
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ज्यूडिशरी की वजह से विकास के प्रोजेक्ट न रुकें
कार्यक्रम के दौरान मंच पर रिजिजू (Kiren Rijiju) से देश की न्याय व्यवस्था पर बातचीत पर हुई. कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हम Judiciary के काम में हस्तक्षेप नहीं करते हैं, लेकिन Judiciary की वजह से विकास के कामों में रुकावट न हो. रिजिजू ने कहा कि यदि कोई सालों तक पेंडिंग रहता है तो यह विकास के तौर पर सही नहीं है.
हम Judiciary के काम में हस्तक्षेप नहीं करते हैं, लेकिन Judiciary की वजह से विकास के कामों में रुकावट न हो: @KirenRijiju, कानून मंत्री
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रिजिजू ने कहा कि देशभर की अदालतों में 4 करोड़ से अधिक केस पेंडिंग हैं, जो मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं. एजेंडा आजतक 2021 के मंच पर 'कानून के रखवाले' सेशन में केंद्रीय कानून मंत्री रिजिजू ने कहा कि मैं चीफ जस्टिस से जब पहली बार मिला तो यही कहा कि हम मिलकर काम करेंगे.
रिजिजू ने कहा, लोगों की समस्याओं का हल निकालना ही हमारी प्राथमिकता है. जब मुझसे कोई जज, वकील या आम आदमी मिलना चाहता है, तो बहुत ओपन माइंड से उनसे मिलता हूं. जिससे उनकी बात सुनकर सरल तरीके से हल निकाला जा सके. हमारा मकसद न्याय देना और देश का विकास करना है.