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हम नेहरू जी का योगदान कम नहीं कर सकते लेकिन सच ये है कि...: धर्मेंद्र प्रधान

Agenda Aaj Tak 2023: शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम नेहरू जी के योगदान के कम नहीं कर सकते, कर भी नहीं सकते, हम कौन होते हैं छोटा करने वाले. लेकिन कुछ तथ्य तथ्य हैं. उन्होंने सरदार पटेल, के मुंशी और बाबासाहेब अंबेडकर के इतिहास-विचार पर बात की.

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एजेंडा आजतक 2023 के दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Photo by Hardik Chhabra)
एजेंडा आजतक 2023 के दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Photo by Hardik Chhabra)

Agenda Aaj Tak 2023: मोदी युग बनाम नेहरू युग, क्या मोदी की सफलता के सामने नेहरू युग छोटा हो रहा है? आजतक एजेंडा 2023 कार्यक्रम के सेशन 'भारतीयता का पाठ' में मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Education Minister Dharmendra Pradhan) ने इस सवाल पर कहा कि सभी माननीय प्रधानमंत्रियों की अपने-अपने एरा में इस देश को बनाने में अपना-अपना योगदान रहा है. ये मैं नहीं कर रहा हूं, मेरे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में चुनकर आए और जब उन्होंने पहली बार संसद में बोलने का अवसर मिला तो उन्होंने कहा अब तक जिन महानुभावों के हाथों में इस देश की बागडोर रही है, सभी के योगदान से देश यहां तक पहुंचा है.

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शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम नेहरू जी के योगदान के कम नहीं कर सकते, कर भी नहीं सकते, हम कौन होते हैं छोटा करने वाले. लेकिन कुछ तथ्य तथ्य हैं, मैं पूछना चाहता हूं कि क्या इस देश को सरदार पटेल के योगदान के बारे में जानना नहीं चाहिए था? क्या उस समय के राष्ट्रीय नेतृत्व के मुंशी (भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राजनेता, गुजराती एवं हिंदी के ख्यातनाम साहित्यकार और शिक्षाविद कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी) की संविधान सभा में रोल के बारे में जानकारी सही तरीके से नहीं आना चाहिए था? क्या बाबासाहेब अंबेडकर के विचार प्रखरता के साथ समाज के सामने नहीं आना चाहिए था? आने दिया गया है क्या.

उन्होंने आगे कहा कि क्या सरदार पटेल जी की दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा बनाकर पीएम मोदी ने गुनाह किया? अगर पीएम मोदी ने उनको बनाया और हम मोदी की प्रशंसा करते हैं तो आप कहोगे कि आप मोदी एरा को महत्व देते हो. अगर मोदी, भगवान बिरसा मुंडा की जन्मदिन को जनजाति गौरव दिवस मनाने का फैसला करते हैं तो आप कहोगे कि राजनीति होती है, मोदी एरा को महत्व देते हो. चंद्रयान-3 में मोदी वैज्ञानिकों की प्रशंसा करने चले गए तो हमने चंद्रयान की एजुकेशन मॉड्यूल में लिख दिया तो क्या गुनाह कर दिया है? ये असहिष्णुता क्यों है.

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धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'क्योंकि कुछ लोग मानते हैं विशेषकर कुछ खानदान-परिवार के लोग मानते हैं कि देश उनकी जागिर है, देश में उनकी एकाधिकार बात रहनी चाहिए, बाकी कोई कैसे आ सकता है. गरीब का लड़का नरेंद्र मोदी कैसे लोगों की आस्था ले सकता है, आस्था लेने का ठेका तो हमें ही मिला है.' उन्होंने कहा, 'ये जो सामंतवादी फ्यूचर माइंड सेट है इसी को लेकर कॉन्फ्लिक्ट हो रहा है. और ये लोग भूल रहे हैं कि देश में डेमोक्रेसी ही है, यहां कोई तानाशाह नहीं है, किसी की जागीर नहीं है, किसी के घराने की संपत्ति नहीं है, देश की चीज है, देश ने तय किया है. इसलिए नेहरू एरा को छोटा करना-मोदी एरा को बड़ा करना ये वितर्क अनावश्यक है. सभी प्रधानमंत्रियों का अपना-अपना योगदान है.

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उन्होंने आगे कहा, 'आज के प्रधानमंत्री आप ही लोग चुनते हैं, विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता हैं, देश के अंदर सबसे बड़ा अप्रूव रेटिंग प्रधानमंत्री का है, हम तो अपनी पार्टी से कहते ही हैं कि हम तो अपने नेता को बड़ा ही करेंगे लेकिन आज समाज कर रहा है तो किसी को क्यों असहिष्णुता हो रही है.'

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