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MP: शिवराज सिंह चौहान ने बताया- कौन सा इतिहास हमें जनता को बताने की है जरूरत

कई नामों को बदले जाने के सवाल पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे कहते हुए तकलीफ हो रही है कि जिस पार्टी ने सबसे ज्यादा शासन किया, उन्होंने एक खानदान को प्रतिष्ठित करने का काम किया. महापुरुषों का इतिहास सही तरीके से लोगों के सामने नहीं रखा गया. अगर आप रानी कमलापति की बात करें तो भोपाल सिर्फ नवाबों का शहर नहीं है. नवाब तो 300-400 साल पहले आए.

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मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान (फोटो क्रेडिट: राजवंत रावत)
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान (फोटो क्रेडिट: राजवंत रावत)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शिवराज बोले- भोपाल सिर्फ नवाबों का शहर नहीं
  • 'महापुरुषों का इतिहास सही तरीके से नहीं बताया गया'

Agenda Aajtak 2021: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित एजेंडा आजतक कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि लोगों के सामने महापुरुषों का इतिहास सही तरीके से लोगों के सामने नहीं रखा गया. उन्होंने कई महापुरुषों के नाम भी बताए और कहा कि उनके इतिहास को बताने की जरूरत है.  शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में मध्य प्रदेश में कई जगहों के नामों में हुए बदलाव पर विस्तार से जवाब दिया. 

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कई नामों को बदले जाने के सवाल पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे कहते हुए तकलीफ हो रही है कि जिस पार्टी ने सबसे ज्यादा शासन किया, उन्होंने एक खानदान को प्रतिष्ठित करने का काम किया. महापुरुषों का इतिहास सही तरीके से लोगों के सामने नहीं रखा गया. अगर आप रानी कमलापति की बात करें तो भोपाल सिर्फ नवाबों का शहर नहीं है. नवाब तो 300-400 साल पहले आए. मोहम्मद खां अफगान थे, उन्होंने धोखे से रानी कमलापति को हराया. कमलापति बहुत यशस्वी शासक थीं. हमने रानी कमलापति के नाम पर रेलवे स्टेशन का नाम किया. सही इतिहास लोगों को पता चलना चाहिए. रानी कमलापति ने स्वाभिमान की वजह से जल समाधि ले ली थी और उनका नाम तक नहीं हो. यह कहां तक सही है?

उन्होंने आगे कहा, ''जनजातीय क्रांतिकारी हैं. फिर चाहे वह टंट्या मामा, भीमानायक, रघुराज शाह, बिरसा भगवान आदि हों. इतिहास में इनके कामों को भी जानना चाहिए आज की पीढ़ी को. सच यह है कि आजादी के इतिहास तक को गलत पढ़ाया गया. हम महारानी लक्ष्मी बाई, लाला लाजपत राय, रघुनाथ सहाय, टंट्या मामा, भगत सिंह, चंद्र शेखर आजाद आदि को भूल गए. उनकी समाधि पर एक भी दीया नहीं है. हम इन क्रांतिकारी के नाम पर किसी जगह का नाम रखते हैं तो आजादी की लड़ाई में इनके योगदान को याद करते हैं.'' हाल ही में मध्य प्रदेश में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति, पतालपानी का टंट्या भील, भंवरकुआं चौराहे का भी टंट्या भील रख दिया गया है.

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चौथी बार सीएम बनने के सवाल पर क्या बोले शिवराज?
चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम लोग फ्रंटफुट पर खेल रहे हैं. वहीं, पेड़-पौधे लगाए जाने पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह नेतृत्व करने वाले कर्तव्य होता है कि वह आने वाले खतरे को भांप कर काम करे. पर्यावरण चिंता है. भारत आने वाले सालों में क्या करेगा, उसके बारे में प्रधानमंत्री जी ने पूरा रोडमैप बनाया है. उस पर चलकर हमें भी अपना योगदान देना है. मुख्यमंत्री सिर्फ कहे कि पेड़ लगाओ तो उससे काम नहीं चलेगा. कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए. रोज एक पेड़ लगाने का तय किया है. जब मैं एक पेड़ लगाता हूं तो राज्य के कई और लोग भी लगाते हैं. अगर पर्यावरण बचाने के लिए इस तरह का अभियान हाथ में लिया जाता है तो इसे तपस्या मानता हूं.

 

 

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