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'जेल जाना वरदान साबित हुआ', नवजोत सिंह सिद्धू ने खोले अपनी जिंदगी के राज, युवाओं को दे डाली ये नसीहत

नवजोत सिद्धू ने एजेंडा आजतक के दौरान अपने जिंदगी से जुड़े राज खोले. नवजोत सिंह सिद्धू साल 1983 से 1999 तक टीम इंडिया का हिस्सा रहे थे. ओपनर बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू ने भारत के लिए 51 टेस्ट, 136 वनडे इंटरनेशनल में भाग लिया.

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Navjot Sidhu
Navjot Sidhu

एजेंडा आजतक के दूसरे दिन (14 दिसंबर) 'ठोको ताली!' सेशन में टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने शिरकत की. सिद्धू अपने बयानों के चलते काफी लाइमलाइट में रहते हैं. क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद उन्होंने कमेंट्री के जरिए अपनी पहचान बनाई. फिर उन्होंने राजनीति और एंटरटेनमेंट जगत में भी अपनी छाप छोड़ी है.

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नवजोत सिद्धू ने इस दौरान अपने जिंदगी से जुड़े राज खोले. सिद्धू ने ये भी कहा कि जेल जाना उनके लिए कैसे वरदान साबित हुआ. सिद्धू ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वो इतना कुछ कर पाएंगे. सिद्धू ने युवाओं को भी नसीहत दे डाली. सिद्धू ने कहा कि सफलता हासिल करने के लिए शार्ट-कट का इस्तेमाल करते हैं, जो ठीक नहीं है.

'मैंने कभी सोचना नहीं था कि...'

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, 'ये जो कुछ भी है चाहे क्रिकेट हो या कमेंट्री हो, ये सब इंद्रधनुष की तरह है. अगर-मगर मैंने जिंदगी में किया नहीं. मैंने कभी सोचा नहीं था कि राजनीति करूंगा. लेकिन पॉलिटिक्स खींच कर ले गई. मैंन कभी सोचा नहीं था कि कमेंटेटर बनूंगा. जब प्रोफेसर मुझे डिबेट में बुलाते थे तो मैं तीन दिनों की छुट्टी ले लेता था. मेरे जीवन के 36 साल में उतार-चढ़ाव देखे. जो कुछ भी अचीव किया, वो कड़ी मेहनत का नतीजा था.'

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नवजोत सिद्धू कहते हैं, 'सबसे खौफनाक चीज लोगों के लिए जेल होता है. मुझे धारा 323 के अंदर जेल में जाल दिया. पिछले 72 सालों में कभी कोई 323 के अंदर जेल नहीं गया हो गया. हालांकि अंदर मेरे लिए वरदान साबित हुआ. 15-15 घंटे ध्यान में रहता था क्योंकि मुझे फैटी लीवर था. फोन भी नहीं था मेरे पास. ये फोन सबसे बड़ी फसाद की जड़ है.'

सिद्धू ने आगे कहा, 'छोटे-छोटे बच्चे सोचते हैं कि जिंदगी आसान है और उन्हें सब कुछ मालूम है. मेरी मां मुझे संस्कृति की बातें बताती थीं. वो जमाना बदल चुका है. वो जमान पार्टियों वाला नहीं था, हम बाहर जाकर खेलते थे. हमने होमवर्क कभी किया ही नहीं. हमलोग फिजिकल एक्टिविटी में विश्वास करते हैं. आज का युग इंटरनेट का युग है, जो युवाओं के लिए खतरनाक है. सफलता का कोई शार्ट-कट तरीका नहीं है. नवजोत सिद्धू यदि "सिक्सर सिद्धू" बना तो उसके पीछे की तपस्या थी.'

ऐसा है सिद्धू का इंटरनेशनल रिकॉर्ड

पंजाब के पटियाला में जन्मे नवजोत सिंह सिद्धू साल 1983 से 1999 तक टीम इंडिया का हिस्सा रहे. ओपनर बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू ने भारत के लिए 51 टेस्ट, 136 वनडे इंटरनेशनल में भाग लिया. टेस्ट मैचों में सिद्धू ने 42.13 की औसत से 3202 रन बनाए, जिसमें 9 शतक और 15 अर्धशतक शामिल रहे. सिद्धू का बेस्ट स्कोर 201 रन रहा, जो उन्होंने 1997 में विंडीज के खिलाफ बनाया था.

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वनडे इंटरनेशनल में नवजोत सिंह सिद्धू ने 37.08 की एवरेज से 4413 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 6 शतक और 33 अर्धशतक निकले.  सिद्धू ने साल 1993 में ग्वालियर ओडीआई में नाबाद 134 रनों की पारी खेलकर भारत को मैच जिताया था. यह वनडे इंटरनेशनल में नवजोत सिंह सिद्धू का बेस्ट स्कोर भी रहा.

नवजोत सिद्धू ने राजनीति में भी अपनी पारी की शानदार शुरुआत की और वे बीजेपी की ओर से अमृतसर लोकसभा सीट से 2004 से लेकर 2014 तक सांसद रहे. इसके बाद वे कुछ समय तक राज्यसभा के भी सदस्य रहे. बीजेपी में लंबे समय तक राजनीति करने बाद सिद्धू कांग्रेस में शामिल हो गए. 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद नवजोत सिद्धू को कैप्टन अमरिंदर सरकार में मंत्री पद दिया गया था, लेकिन विवाद पैदा होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

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