वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 9वें एजेंडा आजतक में कहा कि विपक्ष अगर मनरेगा (MNREGA) का क्रेडिट लेना चाहता है, तो उसकी धांधलियों का भी श्रेय ले. उन्होंने कहा कि उनका मनरेगा गलतियों का नमूना था और हमने इसे ठीक किया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछा गया था कि सरकार ने हाल में मनरेगा में 22,000 करोड़ रुपये का आवंटन बढ़ाया है. निचले स्तर पर रोजगार है नहीं इसलिए सरकार मनरेगा के माध्यम से इसे साधने की कोशिश कर रही है. विपक्ष का कहना है कि मोदी सरकार उनकी लाई मनरेगा को उनकी ‘नाकामियों का नमूना’ कहती थी, लेकिन अब सरकार को इसे ही आगे बढ़ाना पड़ रहा है.
‘यूपीए का मनरेगा गलतियों का ही नमूना’
इस पर तीखा वार करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘यूपीए का मनरेगा, उस समय पर जितनी भी गलतियां थीं सरकार की उसका सच में नमूना था. अगर ऐसा नहीं होता तो कैग (CAG) अपनी रिपोर्ट में क्यों इतना विस्तृत रूप से अदृश्य खातों (Ghost Account), किसको पैसा जा रहा है उसके कोई अता-पता नहीं होने और जिसको पैसा गया उसके अयोग्य होने के बारे में बात करता.
‘खुद के लोगों का पेट भरने का उदाहरण’
उन्होंने कहा कि इस तरह मनरेगा अच्छा उदाहरण है कि एक सिस्टम बनाओ, उससे अपने लोगों का फायदा कराओ और उसके बाद चले जाओ और जो नुकसान हुआ है उसका भरपाई अगली सरकार करे. विपक्ष या यूपीए को इसका श्रेय तो लेना है कि मनरेगा वो लाए, लेकिन उसकी गलतियों और उसमें हुए भ्रष्टाचार को अपनाने से वो बचते हैं. अगर उन्हें मनरेगा का श्रेय लेना है तो उसकी धांधलियों को भी स्वीकार करें.
‘कोविड आने तक कर चुके थे मनरेगा की सफाई’
वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के आने तक हम मनरेगा की सफाई कर चुके थे. पेमेंट डीबीटी से हो रहा था, बिचौलियों को हटाया जा चुका था. तो कोरोना काल में हम उसका उपयोग सिर्फ इसलिए नहीं कर सकते क्योंकि वो यूपीए लेकर आया. नहीं तो हम उसका उपयोग कर सकते हैं, लेकिन बिना उनकी गलतियों को अपनाए.
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