PT Usha on Lok Sabha and Politics: भारत की उड़नपरी के नाम से मशहूर पूर्व धावक पीटी उषा ने एक सयम देश का नाम काफी रोशन किया है. आज वो राज्यसभा सांसद के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं. साथ ही वो इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की प्रेसिडेंट भी हैं. पीटी उषा आईओए की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला भी हैं.
पीटी उषा गुरुवार (14 दिसंबर) को आजतक एजेंडा 2023 प्रोग्राम में शामिल हुईं. इस दौरान उन्होंने कई सवालों पर बेबाकी से जवाब दिए. इसी दौरान आजतक एजेंडा में जब पीटी उषा से सवाल किया गया कि क्या वो राज्यसभा के बाद लोकसभा में भी आने की ख्वाहिश रखती हैं. यानी की राजनीति में आने की दिलचस्पी है?
'मुझे क्यों फिर वापस केरल भेज रहे हो'
इसके जवाब में पीटी उषा हंसने लगीं और उन्होंने कहा, नहीं सर (हंसते हुए). राज्यसभा में भी मैं एथलीट हूं. कल (13 दिसंबर) एक प्रोब्लम हुआ था ना. राज्यसभा में होते तो दौड़कर पकड़ लेती.' इस बयान के जरिए पीटी उषा ने बुधवार (13 दिसंबर) को लोकसभा में हुए स्प्रें कांड पर चुटकी ली.
पीटी उषा ने राजनीति में आने वाले सवाल के ही जवाब में आगे कहा, 'हर कोई राजनीति में है. लेकिन मैं अभी स्पोर्ट्स में हूं. पहले मैं दिल्ली में थी. बाद में केरल गई थी. फिर दिल्ली वापस आई. मैं IOA की अध्यक्ष बन गई हूं. मुझे क्यों फिर केरल भेज रहे हो.'
'उड़न परी' के नाम से फेमस हैं पीटी उषा
केरल के कोझिकोड़ जिले के एक छोटे से गांव में जन्मी पीटी उषा ने खेल के क्षेत्र में वह मुकाम हासिल किया है, जिसने एक मिसाल कायम कर दी है. हवा से बातें करने वाली धावक पीटी उषा को 'उड़न परी' के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने तीन ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया है.
पीटी उषा ओलंपिक में फाइनल खेलने वाली देश की पहली महिला एथलीट भी रही हैं. उन्होंने यह उपलब्धि 1984 के लॉस एंजिलिस ओलंपिक में हासिल की थी. पीटी उषा उन लाखों लड़कियों के लिए रोल मॉडल और प्रेरणा रही हैं, जो खेल में करियर, विशेष रूप से ट्रैक और फील्ड इवेंट में जाना चाहती हैं. अपने करियर में पीटी ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए और तोड़े हैं.
1986 के सियोल एशियन गेम्स में जीते थे 4 गोल्ड
'उड़न परी' के अलावा पीटी उषा 'पय्योली एक्सप्रेस' और 'सुनहरी कन्या' के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने विश्व जूनियर आमंत्रण मीट, एशियाई चैम्पियनशिप और एशियाई गेम्स समेत कई इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स में मेडल जीते हैं.
1984 के लॉस एंजिलिस ओलंपिक में पीटी उषा ट्रैक एंड फील्ड में भारत को पहला मेडल दिलाने से चूक गईं थीं. वह 400 मीटर बाधा दौड़ में चौथे स्थान पर रहीं और 1/100 सेकंड से ब्रॉन्ज मेडल जीतने से चूक गई थीं. पीटी उषा को अर्जुन अवॉर्ड और पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने 1986 के सियोल एशियाई गेम्स में 4 गोल्ड मेडल के साथ एक सिल्वर मेडल भी जीता था.