Agenda Aajtak 2021: किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) और बीजेपी सांसद राजकुमार चाहर (Rajkumar Chahar) शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित 'एजेंडा आजतक' के कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान टिकैत ने कृषि कानूनों की तुलना कोरोना जैसी बीमारी से की. उन्होंने कहा कि कोविड की भांति कानून का इलाज मिल गया, लेकिन अब किसानों की दूसरी बीमारियों के उपचार की भी जरूरत है. यानी अब किसानों की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी चाहिए.
टिकैत ने आगे कहा, तीनों कृषि कानूनों की वापसी से किसानों की समस्याएं अभी खत्म नहीं हुई हैं. जिस तरह कोरोना का इलाज मिलने के बाद भी अस्पतालों में दूसरी बीमारियों के लोग आ रहे हैं, ठीक उसी प्रकार किसानों की दूसरी बीमारियां भी हैं और उनका इलाज दिल्ली की संसद में है.
MSP पर गारंटी मिले
राजधानी के बॉर्डर पर लंबे समय से धरने पर बैठे किसान नेता ने आरोप लगाया कि सरकार इसलिए एमएसपी की गारंटी नहीं देना चाहती, क्योंकि उससे व्यापारियों को फायदा होता है. किसानों को एमएसपी न देने की योजना बनाई जाती है. उन्होंने कहा कि बड़ा सवाल एमएसपी को लेकर है, सरकार को उसकी गारंटी दे देनी चाहिए.
PM ने एमएसपी पर कमेटी की बात कही
एजेंडा कार्यक्रम में मौजूद बीजेपी सांसद राजकुमार चाहर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एमएसपी पर कानूनी गारंटी को लेकर कमेटी बनाने का सुझाव दे चुके हैं। अगर यह गारंटी किसानों के हित में होगी तो उसे बिल्कुल लागू किया जाना चाहिए. पलटवार में टिकैत ने कहा कि एमएसपी कानून मामले में कमेटी 2011 में बन गई थी और आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस कमेटी के अध्यक्ष थे. अब उनकी सरकार बता दें कि एमएसपी से किसानों को नुकसान होगा या फायदा?
किसानों को उलझा रही सरकार
कमेटी बनाने की बात पर टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार किसान संगठनों को बातों में उलझाने में जुटी है. सरकार का कहना है कि एमएसपी कानून बनाने को लेकर एक कमेटी बना ली जाए, जबकि किसान नेता का कहना है कि पहले एमएसपी गारंटी कानून बना दिया जाए, फिर उसे लागू करने के लिए कमेटी बना दी जाए.