Agenda AajTak Delhi: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एजेंडा आजतक के किसान के लाडले सेशन में शिरकत की. शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते लाडली बहना योजना के जरिये महिलाओं को पैसे देने की शुरुआत की थी जो आज राजनीतिक दलों के लिए चुनाव जीतने का मॉडल बन चुका है. इसे लेकर सवाल पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आधी आबादी को पूरा न्याय मिले, यही मेरी सोच रही है.
शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं को लेकर शुरू की गई अपनी योजनाएं गिनाईं और कहा कि पहली बार जब सीएम बना था, तभी लाडली लक्ष्मी योजना शुरू की थी. लाडली बहना योजना केवल वोट पाने के लिए नहीं थी. यह सम्मान बढ़ाने वाला और बहनों को सशक्त बनाने वाला कदम था. यह योजना सिद्ध करती है कि आज भी बहनों को पूरा न्याय नहीं मिला. इसलिए जिसने दिया है, उसके साथ ईमानदारी से हो गईं.
यह भी पढ़ें: Agenda Aaj Tak 2024: कश्मीर से चेन्नई तक रोड बनाने को लेकर क्या है प्लान? नितिन गडकरी ने खुलकर बताया
कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि योजना के बाद बहनों ने हमसे बोला कि भैया अब तो घर में भी इज्जत बढ़ गई है और पति के तेवर भी बदल गए हैं. उपराष्ट्रपति ने राज्यसभा में किसान का लाडला कहा. क्या यह बन पाना इतना आसान होगा? इस सवाल पर शिवराज ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. किसानों की पूरे सामर्थ्य से सेवा करूंगा.
किसानों की समस्या के समाधान के ईमानदार प्रयास किए!
जगदीप धनखड़ के सवाल को लेकर जवाब में शिवराज ने कहा कि पिछले पांच महीने में किसानों को लेकर 13 बड़े फैसले हुए हैं. जगदीप धनखड़ जी किसान के बेटे हैं इसलिए उनको पीड़ा है. मैंने तय किया है कि हर मंगलवार को जहां भी रहूंगा, किसानों से मिलूंगा, उनकी बात सुनूंगा. महाराष्ट्र में किसानों ने सोयाबीन के दाम को लेकर कहा, हमने दाम बढ़ा दिया. किसानों ने चावल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी की शिकायत की, हमने उसे घटा दिए. किसानों की समस्या के समाधान के ईमानदार प्रयास किए.
यह भी पढ़ें: 20 सेकंड में होगी चार्ज... बस में चाय-नाश्ता और फ्लाइट जैसी सर्विस! एजेंडा आजतक में बोले नितिन गडकरी
किसान संगठनों और नेताओं के नाम भी गिना सकता हूं!
केंद्रीय मंत्री ने किसानों के आरोप कि सरकार बात ही नहीं कर रही है, इस सवाल के जवाब में शिवराज ने कहा कि लगातार बात कर रहे हैं. किसान संगठनों और नेताओं के नाम भी गिना सकता हूं. एजेंडा आजतक के मंच से भी यह कह रहा हूं कि कृषि मंत्रालय के दरवाजे किसानों से बातचीत के लिए हमेशा खुले हुए हैं. उत्पादन बढ़ाने पर हमारा जोर है. उत्पादन की लागत घटाने, सस्ता खाद उपलब्ध कराने पर हमारा जोर है. सस्ता कर्ज दिया जा रहा है. ठीक दाम देने के लिए एमएसपी में लगातार वृद्धि की गई.