हिन्दी न्यूज चैनल्स में 12 सालों से लीडर रहा आजतक 'एजेंडा आजतक' के साथ नई शुरुआत की. एजेंडा आजतक की शुरुआत दीपराज राय के स्वागत गीत से हुई.
हिंदी जगत के महामंच 'एजेंडा आजतक' के पहले सत्र का विषय 'देश का नेता कैसा हो' जितना रोचक और महत्वपूर्ण था, उसकी शुरुआत भी वैसी ही हुई. इस मुद्दे पर महाचर्चा की शुरुआत की कांग्रेस के नेता और केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने.
सिब्बल ने कहा कि आज के नेताओं के सामने कई तरह की मजबूरियां हैं.
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए बीजेपी नेता अरुण जेटली ने कहा, 'ईमानदारी से राजनीति नहीं करने वाले नेता को वोट मिलते हैं. आप किस परिवार से आए हैं, आपके पास कितना पैसा है, ये मापदंड बन गया है.'
'एजेंडा आजतक' के पहले दिन का दूसरा सत्र शुरू हुआ अन्ना हजारे के साथ, जिसका विषय था 'एक अधूरी क्रांति'.
अन्ना ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि एक क्रांति तो हो गई 1857-1947 तक, लेकिन आजादी के 65 साल बाद भी किसे आजादी मिली? अन्ना ने कहा कि उन्हें परिवर्तन में विश्वास है.
'एजेंडा आजतक' में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जाति-व्यवस्था सिर्फ बिहार का रोग नहीं है. इस समस्या का अंत अभी नहीं हुआ है, लेकिन इसे लेकर पूर्वाग्रह खत्म हुआ है.
'एजेंडा आजतक' के पहले दिन गंभीर चर्चा के बीच लोगों का सामना राजू श्रीवास्तव के हंसगुल्लों से भी हुआ.
'एजेंडा आजतक' के बेहद रोचक सत्र 'छोटा पर्दा, बड़े स्टार' में छोटे पर्दे के कलाकार समीर सोनी, कृतिका कामरा, साक्षी तंवर और अविका गौर ने हिस्सा लिया. चर्चा में गर्मजोशी से शिरकत करते हुए कहा कि साक्षी तंवर ने कहा कि आज महिला कैरेक्टर सिर्फ अच्छे और बुरे की लड़ाई में नहीं फंसी है.
धारावाहिकों में अपनी भूमिका के बारे में कृतिका कामरा ने कहा कि वे आज की लड़की का किरदार निभाती हैं. उन्होंने कहा, 'दर्शक मुझमें बहन देखते हैं, बेटी देखते हैं.'
'एजेंडा आजतक' के सत्र 'यंगिस्तान में है दम' में क्रिकेटर सुरेश रैना, अभिनेता रणदीप हुडा और केंद्र में राज्यमंत्री सचिन पायलट ने गर्मजोशी से शिरकत की और सवालों के बड़े बेबाकी से जवाब दिए. सुरेश रैना ने कहा कि जब देश जवां हो, तो तकदीर भी जवां होती है. रैना ने कहा कि एक आर्मी मैन का बेटा होने के कारण ही उन्होंने लड़ते रहना सीखा है. उन्होंने स्वीकार किया कि युवाओं की तरह सोचना बहुत जरूरी है.
'यंगिस्तान में है दम' सत्र में अभिनेता रणदीप हुडा ने कहा कि इस देश के युवाओं के ख्वाब बड़े हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे ही युवाओं के साथ मिलकर देश बहुत आगे निकल सकता है.
सचिन पायलट ने कहा कि राजनीति से युवा वर्ग को बड़ी उम्मीदें हैं, क्योंकि युवा देश के बारे में सबसे ज्यादा सोचता है. उन्होंने कहा कि चाहे वह क्रिकेटर हो या अभिनेता, आखिरकार राजनीति का हिस्सा हर कोई बनता है.
एजेंडा आजतक के पहले दिन छठे सत्र में भी जबरदस्त चर्चा हुई. एक ओर थे कांग्रेस के दिग्गज दिग्विजय सिंह तो दूसरी ओर थीं बीजेपी की तेज-तर्रार नेत्री सुषमा स्वराज.
दिग्विजय की बातों का जवाब देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि दिग्विजय जी की झगड़ा लगाने की पुरानी आदत है और कभी-कभी वो तारीफ करके भी झगड़ा लगा देते हैं.
'मिशन 2014: एक अनार सौ बीमार' पर चर्चा की शुरुआत में दिग्विजय सिंह ने कहा, 'हमारे देश में संसदीय प्रणाली है और नेता चुनने का हक चुन गए सदस्यों का होता है'.
'एजेंडा आजतक' के सत्र 'सोशल नेटवर्किंगः कमाल या जंजाल' में लेखक चेतन भगत, सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी व केंद्र सरकार में राज्यमंत्री मनीष तिवारी ने बड़ी बेबाकी से अपने विचार रखे. चेतन भगत ने कहा कि सोशल नेटवर्किंग साइट के कई फायदे हैं. उन्होंने कहा कि देश में सोशल साइटों को सेंसर करने का विचार गलत है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग इसका गलत इस्तेमाल करते हैं, उसकी निंदा भी होना चाहिए.
पूर्व आईपीएस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी ने कहा कि सोशल मीडिया के बारे में एक ठोस पॉलिसी की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर लोगों को शिक्षित करना भी जरूरी है.
सूचना प्रसारण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनीष तिवारी ने कहा कि बोलने की आजादी का इस्तेमाल किसी की भावना को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आम आदमी को एक संचार का माध्यम मिला है, इससे न लड़ना चाहिए, न ही झगड़ना चाहिए.
एजेंडा आज तक के पहले दिन का आठवां सत्र रहा विकास के नाम. इस सत्र का नाम रखा गया था इंडिया मांगे मोर विकास. इस सत्र में संजीव गोयनका, केंद्रीय मंत्री कमलनाथ और सुब्रत राय सहारा ने अपने विचार रखे.
'एजेंडा आजतक' के सत्र 'अपनी भाषाएं हैं जरूरी' में गीतकार जावेद अख्तर, कवि अशोक वाजपेयी व लेखक अनुजा चौहान के बीच चर्चा बेहद सार्थक रही.
अनुजा चौहान ने कहा कि भाषाएं अगर बीमार हैं, तो उन्हें खिचड़ी देने की जरूरत है, यानी सरलीकरण की जरूरत है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी किसी से निजी दुश्मनी नहीं है. उन्होंने साफ किया कि घोटालों के खुलासे के पीछे व्यवस्था की कमजोरियों को सामने लाने की कोशिश है.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 'तंत्र' रॉबर्ट वाड्रा को फायदा पहुंचा रहा है. उन्होंने कहा कि नितिन गडकरी व नरेंद्र मोदी भी इसी तंत्र का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि अब जनता जाग गई है.
'एजेंडा आजतक' में 'लोक बनाम तंत्र' सत्र के दौरान अरविंद केजरीवाल, रविशंकर प्रसाद और मणिशंकर अय्यर ने चर्चा में हिस्सा लिया. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज 'तंत्र' ही जनता को प्रताडि़त कर रहा है.