केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि सीमा पार से घुसपैठ अब भी जारी है. साथ ही शिंदे ने कहा कि चाहे पड़ोसी कैसा भी हो संबंध कायम रखने की जरूरत है.
एजेंडा आज तक के '26/11 से क्या सीखा हमनेः क्या हम आतंकवाद से लड़ाई में सक्षम हैं' विषय पर बोलते हुए शिंदे ने कहा कि कई आतंकी ताकतों को हमारे पड़ोसी देश से आर्थिक मदद मिल रही है.
शिंदे ने कहा कि भारत कई अंतरराष्ट्रीय समितियों का हिस्सा बना है जो आतंकवाद के खिलाफ काम कर रही है. शिंदे ने कहा कि 26/11 के बाद भी देश में कई आतंकी हमले हुए हैं. शिंदे ने कहा कि 2008 के बाद सरकार कड़े कानून लेकर आई है.
एक सवाल के जवाब में शिंदे ने कहा कि आतंक संबंधी मामलों की जांच करने के लिए एनआईए की स्थापना की गई है. देश में चार जगहों पर एनएसजी का गठन किया है. साथ ही शिंदे ने कहा कि सुरक्षा के आधुनिकीकरण पर 12000 करोड़ रुपये का खर्चा है. शिंदे ने कहा कि तटीय इलाकों में सुरक्षा और मजबूत की गई है.
कसाब की फांसी से जुड़े सवाल पर शिंदे ने कहा, '26/11 के आरोपी कसाब को फांसी देने की प्रक्रिया को जानबूझकर गुप्त रखा गया.' शिंदे ने कहा कि देश के लिए कुछ फैसले जानबूझकर गुप्त रखकर लिए जाते हैं. साथ ही शिंदे ने कहा कि मेरा पहला केस कसाब का था जिसे मैंने पूरा किया.
माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर पूछे गए सवाल पर शिंदे ने कहा कि दाऊद ही नहीं बल्कि अन्य आरोपियों को भी भारत लाने की कोशिश की जाएगी.
पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक के भारत दौरे पर आने को लेकर शिंदे ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय रिश्ते होते हैं, उन्हें भारत तो बुलाना पड़ेगा ही. साथ ही शिंदे ने कहा कि हमने चीन से युद्ध लड़ा था तो इसका मतलब यह नहीं हम उनसे बातचीत के रिश्ते भी तोड़ लें.
खुफिया विभाग से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए शिंदे ने कहा कि कई साल पहले हमारे खुफिया विभाग में कुछ कमी थी.
भारत-पाक क्रिकेट को लेकर शिंदे ने कहा कि खेल और सांस्कृतिक रिश्ते बने रहने चाहिए.
केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को भेंट देते इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी.