'एजेंडा आजतक' के सत्र 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' में गायक कैलाश खेर, शफ़क़त अमानत अली व अभिनेता-गायक अली जाफर ने ऐसा समां बांधा कि दर्शक-श्रोता झूमने को मजबूर हो गए.
इस सत्र की शुरुआत अली जफर के गाने से हुई. जफर ने अपनी सुरीली आवाज से माहौल को संगीतमय कर दिया. इनके बाद कैलाश खेर और शफकत अमानत अली ने भी अपनी आवाज का जादू बिखेरा.
चर्चा के दौरान कैलाश खेर ने कहा कि संगीत की सीमाएं नहीं होती हैं. उन्होंने कहा कि संगीत एक ऐसी चीज है, जिसे हर कोई समझता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी दर्शकों ने मुझे सबसे ज्यादा चौंकाया है.
इस मौके पर पाकिस्तानी गायक शफकत अमानत अली ने कहा, 'यहां आकर कभी ऐसा नहीं लगा कि मैं दूसरे मुल्क में हूं. भारत में भी मुझे बहुत प्यार मिला. शफकत ने कहा कि भारत-पाक के सुर मिले हुए हैं.'
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कैलाश खेर ने कहा कि प्यार का अनुमान इस बात से लगाएं कि 'कैलाशा टूर' के टिकट ब्लैक में बिक गए.
वाकई में शफकत अमानत अली, कैलाश खेर और अली जफर ने एजेंडा की इस शाम को सुरीला बना दिया.
उन्होंने खुले तौर पर स्वीकार किया कि पाकिस्तानी होने के कारण भारत में ज्यादा मोहब्ब्त मिलती है. सचमुच, शफकत अमानत अली, कैलाश खेर और अली जफर ने 'एजेंडा आजतक' की इस शाम को बेहद सुरीला बना दिया.
अली जफर ने कहा कि पाकिस्तान के लोग भी चाहते हैं कि भारतीय कलाकार वहां आएं.
एजेंडा आजतक के दूसरे दिन 'मिले सुर मेरा तुम्हारा' सत्र में शिरकत करने पहुंचे गायक कैलाश खेर.
तीनों गायकों ने अपने सुरीली आवाज में भारत-पाकिस्तान को संदेश दिया... अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम.
कैलाश खेर ने बताया कि उनके संगीत की शुरुआत निर्गुण संगीत से हुई. उन्होंने कहा कि अब तो संगीत थैरेपी का जमाना है और संगीत अच्छे संस्कारों का पोषक तत्व है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हमारा ऐसा स्वागत हुआ, जैसे कभी सोचा नहीं था. उन्होंने कहा कि पूर्वाग्रह होने के कारण हम असल दुनिया को नहीं जान पाते हैं.