एजेंडा आजतक के पहले दिन छठे सत्र में भी जबरदस्त चर्चा हुई. एक ओर थे कांग्रेस के दिग्गज दिग्विजय सिंह तो दूसरी ओर थीं बीजेपी की तेज-तर्रार नेत्री सुषमा स्वराज.
'मिशन 2014: एक अनार सौ बीमार' पर चर्चा की शुरुआत में दिग्विजय सिंह ने कहा, 'हमारे देश में संसदीय प्रणाली है और नेता चुनने का हक चुन गए सदस्यों का होता है'.
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि पीएम बनने का हक तो सुषमा स्वराज का बनता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी में उदारवादी चेहरा अटल बिहारी वाजपेयी का था.
दिग्विजय की बातों का जवाब देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि दिग्विजय जी की झगड़ा लगाने की पुरानी आदत है और कभी-कभी वो तारीफ करके भी झगड़ा लगा देते हैं.
सुषमा स्वराज ने इस सत्र के नाम से भी असहमति जताई. सुषमा स्वराज ने कहा कि वो गुजरात में दिए अपने उस बयान पर कायम हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी पीएम बनने के काबिल हैं. उन्होंने कहा कि योग्यता के मामले में मोदी ही नहीं कई और लोग काबिल हैं.
इसके साथ ही सुषमा ने कहा कि पीएम पद को लेकर किसी पार्टी में बहस नहीं हो रही है और यह मीडिया द्वारा की जा रही बहस है. सुषमा स्वराज ने कहा कि नेता परिस्थितियां ही तय करती हैं और सही समय पर एनडीए के पीएम पद का उम्मीदवार सबके सामने आ जाएगा.
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह भी सत्र के नाम से सहमत नहीं नजर आए. राहुल गांधी के मुद्दे पर दिग्विजय सिंह ने कहा, 'राहुल को संगठन में काम करने का मौका मिलना चाहिए. वो आत्मविश्वास से भरे हुए हैं और उनमें योग्यता भी है.'
जब दिग्विजय से पूछा गया कि क्या राहुल गांधी गुजरात में चुनाव प्रचार करने जाएंगे तो दिग्विजय ने कहा, 'नीति और विचारधारा के आधार पर वोट मांगे जाते हैं और सही समय पर राहुल गांधी गुजरात भी जाएंगे.'
दिग्विजय सिंह और सुषमा स्वराज के साथ इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी.