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एकदम अनोखी पहल है 'एजेंडा आजतक'

आपके अपने, सबसे चहेते चैनल ने की है एक नई पहल. खबरों की दुनिया में 12 साल की लगातार बादशाहत एक नए मुकाम तक पहुंचाने की एक कोशिश है एजेंडा आजतक. 11 सालों तक इंडिया टुडे कॉन्क्लेव आयोजित करने के बाद इंडिया टुडे ग्रुप लेकर आ रहा है हिंदी जगत का ये महामंच, जिसका थीम है 'इंडिया मांगे मोर'.

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आपके अपने, सबसे चहेते चैनल ने की है एक नई पहल. खबरों की दुनिया में 12 साल की लगातार बादशाहत एक नए मुकाम तक पहुंचाने की एक कोशिश है एजेंडा आजतक. 11 सालों तक इंडिया टुडे कॉन्क्लेव आयोजित करने के बाद इंडिया टुडे ग्रुप लेकर आ रहा है हिंदी जगत का ये महामंच, जिसका थीम है 'इंडिया मांगे मोर'.

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इस महामंच पर बहस होगी राजनीति से लेकर रंगमंच तक की, समाज से लेकर भाषा तक की. जो बातें होंगी, वो आईना होंगी आज की सोच और कल का सच की. सबसे खास बात ये कि ये बातें होंगी हिंदी में.

दो दिनों तक चलने वाले एजेंडा आजतक के इस महामंच में शामिल होंगी सियासी मंच की कई दिग्गज हस्तियां.

बातें राष्ट्रीय राजनीति से लेकर क्षेत्रीय राजनीति तक की होगी. अलग-अलग राज्य, अलग-अलग एजेंडे और इन्हीं अलग-अलग एजेंडों पर बात करने के लिए अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री भी रहेंगे मौजूद इस महामंच पर.

महाबहस और महामंथन के इस मंच पर वो चेहरे भी चमकेंगे, जिन्होंने सामाजिक आंदोलन के जरिए देश की राजनीतिक जमीन तक को हिला कर रख दिया. इसमें सियासत की बात होगी, समाज की बात होगी. बदलते सामाजिक स्वरूप और सरोकार की जमीन पर बात उस खेल की भी होगी, जो अब भारत के लिए एक धर्म जैसा बन गया है. क्रिकेट हो, कितना क्रिकेट हो, कहां तक क्रिकेट हो- इन सवालों का जवाब देने के लिए भारत और पाकिस्तान के पांच पूर्व कप्तान खुद मौजूद रहेंगे इस मंच पर.

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देश के 65 बरसों के इतिहास पर पड़ोस का असर खूब हुआ. कल कैसा होगा ये रिश्ता, इस पर बोलने के लिए पाकिस्तान से आएंगे तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान. क्रिकेट डिप्लोमेसी के इस दौर में इमरान की मौजूदगी इसलिए भी अहम होगी, क्योंकि उन्होंने बतौर क्रिकेटर भी इस देश को समझा है.

एजेंडा आजतक में बात उस आईने की भी होगी, जो बरसों से रुपहले पर्दे पर देश की राजनीतिक और सामाजिक स्थितियों को दिखाता आया है. बॉलीवुड की दुनिया इस बदलते भारत को कैसे देखती है, इस मंच पर वो भी पता चलेगा.

6 और 7 दिसंबर को इस महामंच पर तय होगा एजेंडा. एजेंडा आज के भारत को कल तक ले जाने का. कुल 21 सेशन में 40 से ज्यादा वक्ता रखेंगे अपने विचार.

एजेंडा आज तक के इस पहले साल में दो दिन तक देश की राजधानी में देश और दुनिया के जाने-माने लोग एक दूसरे से विचार-विमर्श करेंगे. एजेंडा आजतक में तमाम विषयों पर खूब होगी चर्चा. साथ ही इसमें हिस्सा लेने वाले लोग ढेरों सवाल पूछ सकते हैं.

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