'एजेंडा आजतक' में जाने-माने 5 पूर्व क्रिकेटरों ने शिरकत करके खेल और इससे जुड़े पहलुओं पर देश-दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा.
'एजेंडा आजतक' के सत्र 'भारत-पाकिस्तान क्रिकेटः मैच या महायुद्ध?' में कपिल देव, मोहम्मद अजहरुद्दीन, सौरव गांगुली, वकार यूनुस और वसीम अकरम ने शिरकत की.
'महायुद्ध' नहीं, केवल मैच: सौरव गांगुली
चर्चा के दौरान सौरव गांगुली ने कहा कि उनके लिए भारत-पाक क्रिकेट मैच 'सिर्फ मैच' ही था, 'महायुद्ध' नहीं. सौरव ने कहा, 'मुझे पाकिस्तान के खिलाफ जीत हासिल कर अच्छा लगता है.
सौरव गांगुली ने कहा कि वे 1997 में पहली बार पाकिस्तान गए थे, जहां उन्हें कभी ऐसा एहसास नहीं हुआ कि यह 'महायुद्ध' है. सौरव ने वकार और वसीम की रिवर्स स्विंग की जमकर तारीफ की.
सौरव गांगुल ने कहा, 'हम दोनों देश के खिलाड़ी एक-दूसरे के खेल की सराहना करते हैं. भारत-पाक मैच में जुनून तो होता ही है'
पहले ज्यादा दबाव था: वसीम अकरम
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए वसीम अकरम ने कहा कि पहले दोनों देशों के बीच क्रिकेट में और ज्यादा दबाव होता था, पर अब इसे खेल की तरह देखा जाता है. अकरम ने कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच में जो दबाव होता है, वह अतुलनीय है.
वसीम अकरम ने कहा, 'मुझे इस बात का अफसोस है कि मैं अपने 'प्राइम' में सचिन तेंदुलकर को गेंदबाजी नहीं कर पाया.' राजनीति की बात छिड़ने पर उन्होंने कहा कि शायद दोनों ही मुल्कों में चुनाव होने वाले हैं.
खेल है क्रिकेट, जंग नहीं: अजहरुद्दीन
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि वसीम-वकार की गेंदबाजी से ज्यादा तो बाहर का दबाव होता था. उन्होंने कहा कि जावेद मियादाद अक्सर मैदान पर खिलाड़ियों से पंगे लेते थे. उन्होंने कहा कि क्रिकेट एक खेल है, इसे 'महायुद्ध' की तरह नहीं खेला जा सकता है.
हार या जीत मायने रखती है: वकार
वकार यूनुस ने कहा कि भारत-पाक मैच में जीत-हार बहुत मायने रखती है. उन्होंने कहा, 'वर्ल्डकप में भी कोच के तौर पर मैंने दबाव देखा था. सबसे ज्यादा दबाव मीडिया का होता है.' उन्होंने कहा कि भारत-पाक मैच जंग और खेल के बीच की कड़ी है. भारत-पाक से ज्यादा बड़ा क्रिकेट मैच नहीं होता.
सभी चाहते हैं कि रिश्ते सुधरें: कपिल
कपिल देव ने कहा कि जब दो भाई अलग होते हैं, तो कोई एक-दूसरे से हारना नहीं चाहता है. उन्होंने सियासी माहौल का जिक्र करते हुए कहा कि चाहे खाने के लिए पैसा हो या नहीं, पर युद्ध के लिए सबकुछ मौजूद रहता है. उन्होंने कहा कि 90 फीसदी लोग भारत-पाक रिश्तों को अच्छा बनाने की बात करते हैं.
कपिल देव ने कहा, 'जब हम पहली सीरीज खेले थे, तो ऐसा लगा कि युद्ध हो रहा है. मीडिया खेल को इस स्तर पर ले गया है कि अब चीजें बदल गई हैं.'