एजेंडा आजतक के पहले दिन का दूसरा सत्र शुरू हुआ अन्ना हजारे के साथ जिसका विषय था 'एक अधूरी क्रांति'. अन्ना ने इस मौके पर कहा कि वो अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को वोट नहीं देंगे.
आजतक के महामंच एजेंडा से निकली है सबसे बड़ी खबर. अन्ना हज़ारे ने अरविंद केजरीवाल की नीयत पर संदेह ज़ाहिर किया है. अभी तक अन्ना कभी हां-कभी ना वाली हालत में थे. लेकिन एजेंडा में उन्होंने कहा कि लगता है केजरीवाल के भीतर सत्ता और पैसे का लालच आ गया है. अन्ना ने कहा, 'अगर केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं तो उसके खिलाफ भी आंदोलन करूंगा.'
अन्ना ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि एक क्रांति तो हो गई 1857-1947 तक, लेकिन आजादी के 65 साल बाद भी किसे आजादी मिली. अन्ना ने कहा कि उन्हें परिवर्तन में विश्वास हैं. अन्ना ने कहा कि सरकार सिर्फ जनता से डरती है. अन्ना ने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा कि जनता और समाज की सेवा ही मानवीय उद्देश्य है और देश को बदलना है तो पहले गांव को बदलो.
अन्ना ने विकास की बात करते हुए कहा कि विकास तो करना है लेकिन मानवता और प्रकृति का दोहन करके नहीं. अन्ना ने कहा कि अधूरी क्रांति को पूरा करने के लिए विकास बेहद जरूरी है. उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों से उनकी जमीन जबरदस्ती ली जा रही है.
उन्होंने बताया कि अपने आंदोलनों के जरिए उन्होंने महाराष्ट्र में भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसी और व्यवस्था परिवर्तन के जरिए भ्रष्टाचार का खात्मा संभव है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जनलोकपाल के मुद्दे पर बार-बार धोखा दिया है. अन्ना ने माना कि उनकी क्रांति अभी अधूरी है और इसे पूरा करना है. और इसके लिए वो सरकार को छोड़ेंगे नहीं.
अन्ना ने कहा कि अगर जीवन में कोई दाग ना हो तभी नेता बनो. उन्होंने कहा कि अगर उनमें कोई दाग होता या उनके खिलाफ कोई गलत आरोप होता तो उन्हें तोड़-मरोड़ दिया जाता.
अन्ना ने कहा कि वो अब भ्रष्टाचार और विकास पर साथ-साथ काम कर रहे हैं. उन्होंनें कहा कि सत्ता का केंद्रीकरण हो चुका है तथा पक्ष और पार्टी का उद्देश्य केवल सत्ता होता है. अन्ना ने कहा कि देश में बदलाव के आंदोलन जरूरी है और अब हमारे आंदोलन से गांव के लोग भी जुड़ रहे हैं.
अन्ना ने कहा, मैं हमेशा राजनीति से दूर रहा और अरविंद को भी राजनीति से दूर रहने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा कि अधूरी क्रांति को पूरा करने लिए वो बाबा रामदेव के साथ काम कर सकते हैं. अन्ना ने कहा कि रामलीला मैदान से वो एक बार फिर बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे और उन्हें उम्मीद है कि अगले डेढ़ साल में फिर से आंदोलन उठ खड़ा होगा.