सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय ने कहा, 'मौजूदा विकास दर से रोजगार की स्थिति में सुधार होने की संभावना कम है और साथ ही अमीर और गरीब के बीच फासला और बढ़ने की भी संभावना है.'