एजेंडा आज तक में पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर ने हिंदुस्तान-पाकिस्तान के रिश्तों को बेहतर बनाने की बात की. अपनी राजनीति से ज्यादा खूबसूरती की वजह से चर्चा में रहने वाली हिना ने ज्यादातर मुद्दों पर पाकिस्तान का जाना-पहचाना पुराना पक्ष ही सामने रखा. चूंकि यह अमन लाने की बात थी, तो इस सेशन का नाम था, 'कहो न प्यार है'.
हिना रब्बानी खर ने कहा, 'मैंने पहले भी कहा था कि मेरी ख्वाहिश है कि पाकिस्तान और इंडिया की बातचीत बिना रुकावट के होनी चाहिए. ये कहना कि कोशिश नाकाम रही ऐसा नहीं होता.'
हिना ने भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर कहा, 'पाकिस्तान में सबकी ये सोच है कि अगर हम आपको नुकसान पहुंचाते हैं, तो हमें भी नुकसान पहुंचता है. इस्लाम में पड़ोसी का रुतबा रिश्तेदार से भी ज्यादा होता है.'
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों ने अपने युवाओं में एक दूसरे के लिए नफरत पैदा कर दी है.
हिना ने कहा, 'दोनों साइड में ऐसे लोग हैं, जो शांति होने नहीं देना चाहते. मेरा मानना है कि इन कुछ लोगों की सोच और प्रोपेगेंडा के हिसाब से बहुमत को अपनी राय नहीं देनी चाहिए.'
हाफिज सईद पर हिना ने कहा, 'मैं उनसे सहमत नहीं हूं. उनके ख्याल पाकिस्तान
के हित में नहीं हैं. उनकी हरकतें गलत हैं, निंदा करने योग्य हैं.'
इस सत्र में कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी थे, लेकिन उन्होंने हिना रब्बानी खर से कोई सवाल नहीं पूछा.
हिना ने दाऊद और हाफिज सईद को लेकर कहा, 'मेरा वश चलता तो दाऊद और हाफिज जैसे लोग पाकिस्तान से उठ चुके होते.'
सत्र के दौरान राहुल कंवल ने उमर अब्दुल्ला से हिना के लिए कोई सवाल पूछने को कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया.
सत्र के अंत में अरुण पुरी ने हिना रब्बानी खर को एजेंडा का स्मृति चिन्ह दिया.