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एजेंडा आज तक में दिग्विजय VS स्मृति ईरानी: दिग्गी बोले, 'BJP जीती तो सुषमा को बनना चाहिए PM'

महात्मा गांधी कह गए कि इस देश में धर्म और राजनीति को साथ-साथ लाना होगा, लेकिन बहुत सारे लोग उनकी इस राय से जबरदस्त असहमति रखते हैं. तो भारत जैसे देश में, राजनीति का स्वरूप क्या हो, जहां ज्यादातर लोग दैनिक जीवन में अपनी धार्मिक आस्थाओं से संचालित होते हैं? एजेंडा आज तक के दूसरे दिन, पहले सेशन में, इसी विषय पर बात हुई.

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एजेंडा आज तक में स्मृति ईरानी बनाम दिग्विजय सिंह
एजेंडा आज तक में स्मृति ईरानी बनाम दिग्विजय सिंह

महात्मा गांधी कह गए कि इस देश में धर्म और राजनीति को साथ-साथ लाना होगा, लेकिन बहुत सारे लोग उनकी इस राय से जबरदस्त असहमति रखते हैं. तो भारत जैसे देश में, राजनीति का स्वरूप क्या हो, जहां ज्यादातर लोग दैनिक जीवन में अपनी धार्मिक आस्थाओं से संचालित होते हैं? एजेंडा आज तक के दूसरे दिन, पहले सेशन में, इसी विषय पर बात हुई. वक्ता थे देश की दो सबसे बड़ी पार्टियों के दो बड़े नेता. कांग्रेस की ओर से थे, सांप्रदायिक राजनीति पर अकसर प्रहार करने वाले दिग्विजय सिंह और बीजेपी की ओर से मोर्चा संभाल रही थीं टीवी परिवार की बहू रह चुकीं बीजेपी उपाध्यक्ष स्मृति ईरानी. लेकिन बातों ही बातों में दिग्विजय ने बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की तारीफ भी कर दी.

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एजेंडा आज तक के दूसरे दिन के पहले सेशन में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह बोले कि उन्हें खुशी है कि बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी बदल रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की राह पर चलकर अपनी उदार छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक चायवाला पीएम बन सकता है, लेकिन नरेंद्र मोदी नहीं. दिग्विजय यह भी बोले कि अगर बीजेपी जीतती है तो उसे सुषमा स्वराज को पीएम बनाना चाहिए.

आगामी विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल में कांग्रेस की हार के अनुमान पर दिग्विजय ने कहा कि मैं 40 साल से राजनीति में हूं. बहुत उतार चढ़ाव देखे हैं. अब कुछ भी नतीजे आएं, नींद चैन की ही आती है. इसके बाद उन्होंने सिंहासन के सेमीफाइनल के राजनीतिक नफा-नुकसान को हल्का करते हुए कहा कि इससे लोकसभा चुनावों के लिए कोई अनुमान नहीं लगाना चाहिए.

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इस मुद्दे पर बीजेपी की स्मृति ईरानी बोलीं कि मैं पहली बार दिग्विजय जी से सहमत हूं कि राजनीति में उतार-चढ़ाव आते हैं. फिर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अब कांग्रेस के उतार और कमल के चढ़ाव का वक्त आ गया है.

मैं नहीं मानता किसी पोल सर्वे को: दिग्वजिय सिंह
दिग्विजय बोले कि मैं ओपिनियन या एग्जिट पोल सर्वे को तरजीह नहीं देता और इसकी नतीजों से कभी प्रभावित नहीं होता. इस पर स्मृति बोलीं कि आप न ओपिनियन पोल को तवज्जो देते हैं और न विधानसभा चुनाव की आवाज को महत्व देते हैं. स्मृति बोलीं कि प्रदेशों के चुनाव अगले लोकसभा चुनाव के लिए संकेत दे रहे हैं.

दिग्विजय बोले कि 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद हुए अधिकांश राज्य विधानसभा चुनावों में हमने चार में भाजपा से राज्य छीना है. उन्होंने सीटवार भी ब्यौरा दिया और फिर बोले कि बीजेपी जितना चाहे माहौल बनाए, नतीजे आने के बाद सब सामने आ जाएगा.

क्या है हमारी राजनीति का मिशन 2014
अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस नरेंद्र मोदी को राजनीतिक रूप से नहीं हरा सकती इसलिए डर्टी ट्रिक्स अपना रही है. इस कमेंट पर दिग्विजय बोले कि मोदी हमारे लिए मुद्दा नहीं हैं. बीजेपी के लिए होंगे. उन्होंने कहा कि मोदी के नाम पर विपक्षी पार्टी व्यक्तिवादी राजनीति कर रही है. इस पर स्मृति ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को एक परिवार की बंधुआ पार्टी बताया. स्मृति बोलीं कि बीजेपी के मुख्यमंत्री आम पृष्ठभूमि से आए हैं और उन्होंने अपनी मेहनत और काबिलियत से राजनीति में हैसियत बनाई है.

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चाय वाला भी पीएम बन सकता है: दिग्जिवय
दिग्विजय बोले कि मैं पार्टी की विचारधारा और संगठन की बात करना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि अगर केरल के मछुआरे का बेटा राष्ट्रपति बन सकता है, तो चाय वाला भी प्रधानमंत्री बन सकता है. दिग्विजय से पूछा गया कि ये कांग्रेस में क्यों मुमकिन नहीं है, तो वह बोले कि लीडर पेट से नहीं मतपेटी से ही पैदा होता है.दिग्विजय बोले कि दिक्कत आम आदमी से नहीं तानाशाह से है. उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि अगर बीजेपी सत्ता में आए तो सुषमा स्वराज प्रधानमंत्री बनें.स्मृति बोलीं कि काबिलियत तो राहुल गांधी से हजार गुना ज्यादा दिग्विजय सिंह में है. इनकी पार्टी इन्हें क्यों नहीं आगे लाती.

क्या मोदी स्वीकार होंगे देश को?
दिग्गी इस पर बोले कि ये देश अटल बिहारी और सुषमा स्वराज को स्वीकार कर सकती है. मगर मोदी जैसे कट्टर छवि वाले नेता को. स्मृति बोलीं कि दिग्विजय ये बात गुजरात चुनाव के पहले भी कहते थे. मगर नतीजों में पोल खुल चुकी है.

दिग्विजय सिंह ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए एक किस्सा सुनाया.उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सांप्रदायिक हिंदू और सांप्रदायिक मुस्लिम दोनों के खिलाफ लडाई लड़ी.मुजफ्फर नगर दंगों का जिक्र करते हुए वह बोले कि जिन विधायकों पर दंगा करने का आरोप है, उन्हें नरेंद्र मोदी की आगरा रैली में सम्मानित किया गया. इस पर स्मृति ने सफाई दी कि उन विधायकों को कोर्ट ने दोषी नहीं माना.

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कांग्रेस तो मुस्लिम लीग के बगलगीर है
कांग्रेस के सांप्रदायिक मुसलमानों से लड़ने के सवाल पर स्मृति ने केरल का जिक्र किया, जहां कांग्रेस मुस्लिम लीग के साथ मिलकर सरकार चला रही है.उन्होंने कहा कि वहां कम उम्र बच्चियों की शादी को लीगल करने की सरकार बात कर रही है. इस पर दिग्गी बोले कि जिन्ना की मुस्लिम लीग और केरल की मुस्लिम लीग में फर्क है. केरल की लीग में हिंदू भी शामिल रहे हैं.16 साल की बच्चियों की शादी के कानून के सवाल पर दिग्विजय सिंह बोले कि मैं उसका विरोध करूंगा.इतना कहने के साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश में शिवराज चौहान सरकार को घेरने की कोशिश की.

मोदी का मुसलमान प्रेम कैसा है
अगर मोदी मुसलमानों को करीब लाने की कोशिश करें तो क्या हर्ज है.इस सवाल के संदर्भ में स्मृति ने दिग्विजय से पूछा कि राजस्थान के गोपालगढ़ में मुसलमानों पर फायरिंग हुई, मुजफ्फरनगर दंगों के राहत शिविर में बच्चे मर रहे हैं. कांग्रेस ने क्या किया. इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमने राजस्थान में कमीशन बैठाया और दोषियों को सजा दी. फिर उन्होंने गुजरात दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि मैं इस मसले को छेड़ना नहीं चाहता, मगर नरेंद्र मोदी को भी समझ आ गया है कि कट्टर छवि नहीं चलेगी. अब उन्होंने अपने भाषणों का रुख बदल लिया है और अटल बिहारी के रास्ते पर आने की कोशिश कर रहे हैं.मैं इससे खुश हूं.

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संघ की तारीफ में बोले दिग्विंजय सिंह
दिग्विजय सिंह बोले कि अगर संघ को समझ आ गया है कि यहां सबसे विकास की बात होनी चाहिए, सर्वधर्म सदभाव की बात होनी चाहिए, तो ये देश के लिए अच्छी बात है.लेकिन राहुल गांधी इस तरह की बात क्यों नहीं कर रहे हैं. इस सवाल पर दिग्गी बोले कि राहुल तो पहले से ही सेकुलर हैं. दंगों के पीड़ितों के आईएसआई के संपर्क में होने संबंधी राहुल के बयान पर दिग्विजय सिंह ने सफाई दी कि यह बहुत मानवीय त्रासदी थी और आपको उन लोगों की मनोदशा समझनी होगी. बहस को आगे बढ़ाते हुए स्मृति बोलीं कि कांग्रेस को यहां का दंगा दिखता है, उनकी पीड़ा दिखती है, मगर असम के कोकराझार में लाखों लोगों को विस्थापित कर दिया गया और राहुल गांधी के मुंह से बोल नहीं फूटे.

स्नूपगेट के मसले पर क्या बोले दोनों
स्मृति ईरानी ने कहा कि जिस टेप को रिलीज करने वाले लोग ही श्योर नहीं हैं कि टेप असली हैं या नकली. उन पर पार्टी क्या सफाई दे. इस पर दिग्विजय सिंह बोले कि खुद अमित शाह टीवी पर आकर सफाई दे चुके हैं. फिर वह बोले कि इस प्रकरण में साफ साफ इंडियन टेलिग्राफ एक्ट का उल्लंघन हुआ है.इस पर स्मृति बोलीं कि अगर महिला के अधिकारों का उल्लंघन हुआ है, तो वह अब तक सामने क्यों नहीं आईं.फिर स्मृति ने कहा कि वैसे भी इस मामले की जांच के लिए आयोग बन चुका है. इस पर दिग्विजय सिंह बोले कि अरविंद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी बड़ी अच्छी बात करते हैं, आरोप लगता है तो खुद ही जांच एजेंसी तय कर लेते हैं और खुद ही जज भी.

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