एजेंडा आज तक के युवा नेता सेशन में पहुंचे केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष और सांसद अनुराग ठाकुर, बीजू जनता दल सांसद जय पांडा और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव.
युवा राजनीति और देश के नेतृत्व पर बात करते हुए अनुराग बोले कि यूथ 60 साल के मोदी में अपना नेता देखता है क्योंकि वह सही समय पर सही मुद्दे उठाते हैं और उनकी आवाज को आगे रखते हैं. आरपीएन सिंह बोले कि राहुल गांधी टीवी डिबेट और सोशल मीडिया का हिस्सा नहीं बनते, मगर वह गांव-देहात में घूमकर लोगों से और युवाओं से कम्युनिकेट कर रहे हैं. जय पांडा ने कहा कि जो युवा नेता सांसद बन जाते हैं, उनकी भी आवाज संसद में ठीक से नहीं सुनी जाती. तेजस्वी यादव ने अपने पिता की तरह कम्युनल फोर्स से लड़ने की बात करते हुए कहा कि वह न तो पार्टी में कोई पद लेंगे और न ही चुनाव लड़ेंगे.
चारों नेताओं से पूछा गया पहला सवाल कि आप राजनीति में खानदान की वजह से आए या खुद की मर्जी से. देखिए क्या जवाब रहे उनके...
तेजस्वी: मेरे मां-बाप सीएम रह चुके हैं. शुरू से ही घर में राजनीतिक माहौल था. संस्कार में था कि कोई भी घर आए तो उसे खाली हाथ नहीं लौटाना. तो पॉलिटिक्स खून में थी. रही बात मेरी राजनीति की तो मैं देश के 50 फीसदी वोटर यानी युवाओं की राजनीति करना चाहता हूं.
जय पांडा: मैं किसी पॉलिटिकल फैमिली से नहीं हूं. मैं शामिल हुआ, क्योंकि मुझे सिस्टम से गुस्सा आता है. ऐसा नहीं कि जो पॉलिटिकल फैमिली से आते हैं, उनमें टैलेंट नहीं. मगर हमारे सिस्टम में जब तक लेवल प्लेइंग फील्ड न हो, कोई आम आदमी बिना कनेक्शन और नेटवर्क के इसमें आ सकता हो, तब तक इस तरह का बदलाव न आए. लोकतंत्र में कमी रहेगी.
अनुराग ठाकुर: युवा बाउंड्री लाइन के बाहर बैठकर देश नहीं बदल सकते. युवा भारत दबंग भारत बनता जा रहा है. सही दिशा की जरूरत है. सही दिशा दो तो ताक बनेंगे. वर्ना आफत बनेंगे.यही मेरी सोच थी, इसलिए मैं राजनीति में आया. मुझे लोगों का आशीर्वाद मिला. मुझे लगता है कि अच्छे लोग बुरी सरकार तब चुनते हैं, जब वह वोट नहीं करते.
आरपीएन सिंह: जब मेरे पिता जी थे, उन्होंने कभी नहीं चाहा कि मैं इसमें आऊं. जब वह थे, तो मैंने न कभी कुर्ता पाजामा पहना, न मंच पर चढ़ा. मैं 23 साल का था, जब उनका देहांत हुआ. मैं अमेरिका में वर्ल्ड बैंक में काम करना चाहता था. हमारा यहां 18 एकड़ का लीची का बगीचा था. तो पिता चाहते थे कि जब मैं भारत आऊं तो उसकी देखभाल करूं.बचपन में मैं एक्टर बनना चाहता था.मगर अब देखिए आपके सामने हूं.
16 दिसंबर से बेचैन थे सोनिया-राहुल: आरपीएन
दिल्ली गैंगरेप के दौरान कहां थे राहुल गांधी, इस सवाल पर आरपीएन सिंह ने सफाई दी कि राहुल, सोनिया इस मुद्दे पर चिंतित थे और लगातार बैठक कर रहे थे. उस दौरान सोनिया जी के घर के बाहर जो बच्चे, जो युवा धरना दे रहे थे, उन्हें सोनिया जी ने अगली सुबह बुलाया.बात की. उन्होंने जो आवाज उठाई. उसे हमने बिल में रखा.
कानून के बाद भी बढ़ रहे हैं महिलाओं पर अत्याचार
युवाओं के गुस्से पर अनुराग ठाकुर बोले कि महिलाओं के बचाव के लिए सख्त कानून बन रहे हैं. मगर फिर भी मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जरूरत सोच बदले की है. नैतिक मूल्यों की गिरावट रोकने की है. इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में जाना होगा.
चुनाव नहीं लड़ूंगा, पद भी नहीं लूंगा: तेजस्वी
क्या बड़े परिवार के युवा ही आ सकते हैं राजनीति में, इस सवाल पर जय पांडा बोले कि ऐसा एक बार हो सकता है, मगर उसके बाद तो आपको परफॉर्म करना ही होगा. उन्होंने कहा कि संसद में युवा सांसदों को बहस के मौके कम मिलते हैं. आप आंकड़े देख सकते हैं. उन्हें मुद्दों पर स्वतंत्र राय रखने का पार्टी व्हिप के चलते मौका भी नहीं मिलता है.
अपने परिवार और पार्टी का पक्ष रखते हुए तेजस्वी बोले कि न तो मेरे पास कोई पद है और न ही चुनाव लड़ने की इच्छा है. मैं तो बस युवाओं को राजनीति से जोड़ना चाहता हूं.
कांग्रेस में युवा आ रहे आगे: आरपीएन
मौजूदा हालात पर आरपीएन सिंह बोले कि कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों में एक बदलाव का दौर चल रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर राज्य में युवा आगे ला रही है.राजस्थान में जितेंद्र सिंह और सचिन पायलट. मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिल्ली में अजय माकन और संदीप दीक्षित.
राहुल गांधी की अहम मुद्दों पर छाई चुप्पी पर चुटकी लेते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल कैसे करेंगे मोदी का मुकाबला. मोदी जी हर मुद्दे पर अपनी सोच सामने रखते हैं और पूरा देश उस पर चर्चा करता है. उधर राहुल गांधी हैं कि लगातार बस चुप्पी ही साधे रहते हैं.
मौजूदा सरकार युवाओं से बात नहीं करती: पांडा
इस मसले पर जय पांडा बोले कि राहुल गांधी भले ही पद से इनकार करते रहें मगर सच यही है कि उनके पास बहुत पावर है. उन्होंने कहा कि सरकार गठबंधन के चलते शिथिलता का तर्क देती है. मगर दस बारह साल पहले भी यही स्थिति थी, तब सरकारें कैसे परफॉर्म कर लेती थीं.
पांडा ने कहा कि मौजूदा सरकार का मुखिया ऐसा है कि युवाओं से कम्युनिकेशऩ स्थापित ही नहीं होता.पांडा बोले कि मसला सिर्फ मोदी वर्सेस राहुल का नहीं है. पूरे देश में बदलाव आ रहा है और अब नीति के मुददे पर नेताओं को सबको और खासतौर पर युवाओं को बताना होगा.
राहुल टीवी पर नहीं आते, गांवों में जाते हैं: आरपीएन
आरपीएन सिंह ने कहा कि राहुल गांधी टीवी पर आकर कम्युनिकेट नहीं करते हैं. लेकिन वह गांव-देहात में जाकर, पैदल चलकर लोगों से बात करते हैं. सिंह बोले कि सोशल मीडिया और टीवी पर जो नहीं है, क्या वह जनता से जुड़ा नहीं है.अनुराग ठाकुर इस पर बोले कि अगर राहुल गांधी इतना ही कम्युनिकेट कर रहे हैं तो दागी नेताओं के बिल पर मीटिंग में क्यों नहीं बोले और बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिल फाड़ते रहे.
तेजस्वी बोले कि 2014 तक राहुल गांधी और नमो नमो चलता रहेगा. मगर युवा को रीजन, रिलीजन और कास्ट से बाहर आकर स्टैंड लेना होगा. फिर अपने पिता लालू की तरह स्टैंड लेते हुए वह बोले कि कम्युनलिज्म के खिलाफ सेकुलर ताकतों को एक होना होगा, क्योंकि कम्युनल दल दंगा करते हैं और उससे युवा प्रभावित होते हैं.
मोदी की यूथ अपील पर अनुराग ठाकुर बोले कि नरेंद्र मोदी सही समय पर बोलते हैं. उनके मुकाबले राहुल बोलते ही नहीं. तो फर्क साठ या चालीस का नहीं, विचार का है.