गुलाम अली ने शुरुआत में बताया कि गजल क्या है. एक जंगल में भागता हिरन जब किसी तीर का शिकार हो गया. तीर उसकी गर्दन में लगा. वह मरने लगा. तो मरते वक्त जो आखिरी आह निकली. आह बोलकर...उसको गजल कहते हैं.