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e-एजेंडा: योगी आदित्यनाथ ने बताया-दिल्ली से क्यों सील हैं गाजियाबाद-नोएडा के बॉर्डर

मोदी सरकार 2.0 का एक साल पूरा हो चुका है. इस मौके पर आयोजित आजतक के खास कार्यक्रम e-एजेंडा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शिरकत की. योगी ने विस्तार से बताया कि दिल्ली से नोएडा-गाजियाबाद आने वालों के लिए बॉर्डर क्यों सील किए गए हैं.

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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

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  • मोदी सरकार 2.0 का एक साल, आजतक पर e-एजेंडा कार्यक्रम का आयोजन
  • e-एजेंडा आजतक में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी लिया हिस्सा

मोदी सरकार 2.0 का एक साल पूरा हो चुका है. इस मौके पर आयोजित आजतक के खास कार्यक्रम e-एजेंडा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शिरकत की. योगी आदित्यनाथ ने e-एजेंडा आजतक के 'डबल इंजन सरकार... कितना असरदार' सत्र में भाग लिया और अपनी राय रखी.

ई-एजेंडा आजतक के अपने सत्र में यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली-यूपी बॉर्डर को सील करने को लेकर भी खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने प्रवासी कामगारों, छात्रों और युवाओं के लिए अन्य राज्यों से आवागमन की अनुमति दी थी. हमने दिल्ली से नोएडा या दिल्ली से गाजियाबाद के आवागमन को प्रतिबंधित नहीं किया है. लेकिन वे लोग आएं जो आवश्यक सेवाओं के लिए आना चाहते हैं. इमरजेंसी सुविधाओं के लिए किसी तरह की कोई रोक नहीं है. जो लोग किसी उद्योग में काम कर रहे हैं उनके लिए कोई रोकटोक नहीं है.

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योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा कि उन लोगों के लिए आवागमन की परमिशन नहीं है जिनकी वजह से संक्रमण फैल सकता है. दिल्ली की तुलना में गाजियाबाद और नोएडा अभी काफी सुरक्षित है. ऐसे में हम नहीं चाहते कि यहां पर भी संक्रमण तेजी से फैले. उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में हम जिस तरह एक-एक कदम को आगे बढ़ा रहे हैं. वह बहुत ही महत्वपूर्ण है.

इस दौरान सीएम योगी ने यह भी कहा कि यूपी में हम कोरोना को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफल रहे. उन्होंने कहा, "इतना सबकुछ होने के बाद भी आप देखेंगे कि उत्तर प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस तीन हजार से नीचे ही हैं. उसे बहुत न्यूनतम स्तर पर लाया गया है. तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी हम कोरोना को हर स्तर पर नियंत्रित कर रहे हैं और उसके संक्रमण को फैलने से बचा रहे हैं. मुझे लगता है कि इसके लिए हमें कुछ कड़े निर्णय भी लेने पड़ेंगे और हमें उसके लिए तैयार रहना होगा."

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एनसीआर पर अपनी बात जारी रखते हुए योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा जो लोग आवश्यक सेवाओं में हैं, उद्योगों में काम करने वाले हैं, कारखानों में काम करने वाले हैं. ऐसे लोग पास लेकर जा सकते हैं. लेकिन उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. उनको पूरी सुविधा गाजियाबाद का जिला प्रशासन और नोएडा का प्रशासन भी उपलब्ध करा रहा है. लेकिन आपने देखा होगा कि एक राष्ट्रीय चैनल में 40 लोग और एक जगह 19 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इसके लिए कौन जवाबदेह होगा. एक फैक्ट्री में एक साथ 60 लोग संक्रमित पाए गए. ये चीजें भी हमें देखनी होंगी. इसके माध्यम से उन लोगों से कोरोना स्प्रेड न होने पाए इस पर भी नजर रखनी होगी.

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ई-पास पर बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने द्वितीय चरण से ही आवश्यक वस्तुओं के लिए ई-पास जारी करने शुरू कर दिए थे. लेकिन जहां कड़ाई करने की जरूरत थी वहां कड़ाई भी की गई है. हमने एनसीआर में यह व्यवस्था भी की है कि हम अपने दम पर हर मीडियाकर्मी का कोविड टेस्ट करना चाहते हैं. राज्य सरकार उसका दायित्व लेना चाहती है क्योंकि उन लोगों को भी विपरीत परिस्थितियों में काम करना पड़ रहा है. यह आवश्यक है कि उन्हें भी हम सुरक्षा उपलब्ध करवाएं. इसलिए ही वहां सख्ती की जा रही है ताकि लोग अनावश्यक रूप से ना आवागमन करें. लोग एसओपी के तहत आ-जा सकते हैं. जो लोग घर पर रह कर काम कर सकते हैं वो ना आएं तभी हम कोरोना को नियंत्रित कर सकते हैं.

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लॉकडाउन में छूट को लेकर जब सवाल किया गया तो योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सभी को आजादी देना चाहते हैं लेकिन पहले उसकी जान बचानी जरूरी है. हर व्यक्ति के स्वास्थ्य के सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है. जनता ने जो धैर्य का परिचय दिया है यही धैर्य बना रहा तो कोरोना पर बड़ी विजय हमारी होगी.

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