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e-एजेंडा: मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने बताया- कैसे त्रिपुरा बना कोरोना मुक्त राज्य

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने ई-एजेंडा आजतक कार्यक्रम में बताया कि कैसे उनका राज्य कोरोना मुक्त हुआ. उन्होंने बताया कि ट्रकों को राज्य के बॉर्डर पर ही रोक लिया जाता है और ड्राइवर का सैंपल लिया जाता है, इसके बाद टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे राज्य में आने का मौका मिलता है. इसी प्रकार कोई भी व्यक्ति जब बाहर से आता है तो उसका टेस्ट होता है और रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही राज्य के अंदर एंट्री मिलती है.

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त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब

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  • त्रिपुरा में शुरू से हो रहा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
  • एक भी व्यक्ति राज्य में बिना टेस्ट के नहीं घुस सकता

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने 'ई-एजेंडा आजतक' कार्यक्रम में कोरोना संकट के मुद्दे पर बातचीत की. उन्होंने कहा कि त्रिपुरा कोरोना मुक्त राज्य बन गया है. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने कहा, 'इसके लिए हमने शुरू से ही एहतियात बरता और 16 मार्च को ही पूरे राज्य में धारा 144 लगा दी थी.'

उन्होंने कहा कि धारा 144 को लागू करने के साथ ही साथ हमने राज्य की सभी सीमाओं को भी सील कर दिया. इसके अलावा कोई भी कोरोना का मरीज राज्य में एंट्री न कर पाए उसके लिए शुरू से ही टेस्टिंग के आधार पर लोगों को राज्य में प्रवेश करने की इजाजत दी गई.

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बिप्लब देब ने बताया कि ट्रकों को राज्य के बॉर्डर पर ही रोक लिया जाता है और ड्राइवर का सैंपल लिया जाता है, इसके बाद टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे राज्य में आने का मौका मिलता है. इसी प्रकार कोई भी व्यक्ति जब बाहर से आता है तो उसका टेस्ट होता है और रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही राज्य के अंदर एंट्री मिलती है.

उन्होंने बताया कि त्रिपुरा में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग लागू है. यहां मास्क नहीं पहनने वालों को जुर्माना देना होगा.

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मुख्यमंत्री ने कहा, कोरोना टेस्टिंग का राष्ट्रीय स्तर पर 10 लाख लोगों में 667 लोगों का टेस्ट किया जा रहा है. वहीं, त्रिपुरा में यह संख्या 1350 है. हम बड़ी मात्रा में सैंपलिंग कर रहे हैं. 32 फीसदी लोग जनजाति हैं. यहां सभी लोग गमछा पहन रहे हैं.

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त्रिपुरा छोटा प्रदेश है यहां गली मोहल्ला कम है, यहां ज्यादा संख्या में जनजाति हैं जो शुरू से ही सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो कर रहे हैं. यह हमारे प्रवृति में शुरू से ही है. यहां घरों की बीच दूरी होती है. साथ ही पहाड़ पर रहने के कारण हमारे राज्य के लोगों का इम्युनिटी अच्छी होती है. यही नहीं हम लोग आयुर्वेद पर ज्यादा निर्भर हैं.

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