'आजतक' ई-एजेंडा कार्यक्रम में शामिल हुए 'कोरोना योद्धा' महाराष्ट्र के ज्वाइंट कमिश्नर विनय चौबे ने मुंबई में पुलिस द्वारा उठाए किए जा रहे कामों पर खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि कहा कि मुंबई में झुग्गियां और उसमें रहने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है, इसलिए उन्होंने जो मॉडल अख्तियार किया है इसमें इस बात का खास ख्याल रखा गया. जो नॉर्मल सोसाइटीज हैं उनकी समस्याओं को अलग तरीके से हैंडल किया गया. इसके अलावा धारावा, वर्ली, कोलीवाड़ा समेत ऐसे इलाकों की समस्याएं अलग थीं तो इन्हें अलग तरह से हैंडल किया गया.
बांद्रा में एक साथ हजारों मजदूरों के सड़क पर आ जाने की घटना पर उन्होंने कहा कि मजदूरों को आशा थी कि लॉकडाउन खत्म होते ही वो जहां से आए हैं, वहां चले जाएंगे. लेकिन लॉकडाउन के बढ़ने से यह नहीं हो सका. जिस जगह पर वो जमा हुए थे वो रेलवे स्टेशन के पास का इलाका है, वहीं एक झुग्गी है जहां वो रह रहे थे. ये सब लोग खाने के लिए रोज जहां एकत्रित होते थे वहीं उस दिन भी जुटे थे. उस दिन भी वो अचानक वहां आए और उनकी मांग थी कि उन्हें वापस उस जगह पहुंचा दिया जाए जहां से वो आए हैं. हालांकि, उन्हें समझाकर वहां से हटाया गया.
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उन्होंने आगे बताया कि मुंबई पुलिस ने इस दौरान काफी टारगेटेड एप्रोच रखी. मुंबई आर्थिक राजधानी है भारत की तो स्टॉक मार्केट से संबंधित एक्टिविटी को बिना परेशान किए जारी रखा गया. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों के मजदूर जो यहां रह रहे हैं उन तक जरूरी सामान पहुंच जाए और जिनके पास सुविधा नहीं है खाना बनाने की उन्हें समय से पका हुआ खाना मिले, इस पर हमलोगों ने काम किया है. इसे पुलिस की ड्यूटी चार्टर में ही रखा गया है.
उन्होंने कहा कि मुंबई और आसपास के इलाकों में खाना और जरूरी चीजों को पहुंचने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसकी व्यवस्था की गई. साथ ही डॉक्टर्स को किसी प्रकार का दिक्कत न हो इसका भी ख्याल रखा जा रहा है.
विनय चौबे 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. इन्होंने आईआईटी कानपुर से पढ़ाई की है. इन्हें तेज तर्रार और तुरंत फैसले लेने के लिए जाना जाता है.