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e-एजेंडा: प्रफुल्ल पटेल बोले- मजदूरों के बीच मची अफरा-तफरी के लिए केंद्र के निर्णय जिम्मेदार

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा हो रहा है. इस मौके पर इंडिया टुडे ग्रुप के e-एजेंडा कार्यक्रम में सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई नेता शिरकत कर रहे हैं. इसी कड़ी में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और सरकार के कामों पर अपनी राय रखी.

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एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल (PTI)
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल (PTI)

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  • ट्रेन और बस चलाने का फैसला पहले करना चाहिए था
  • मोदी सरकार को दूसरे कार्यकाल के 1 साल के लिए बधाई

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा हो रहा है. इस मौके पर इंडिया टुडे ग्रुप के e-एजेंडा कार्यक्रम में सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई नेता शिरकत कर रहे हैं. इसी कड़ी में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और सरकार के कामों पर अपनी राय रखी.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को बधाई कि देश की जनता ने उन्हें दूसरी बार चुना. लोकतंत्र में विश्लेषण जरूरी होता है. अभी देश कोविड-19 के दौर से गुजर रहा है. इसके लिए मोदी सरकार ने जो फैसले लिए हमने और सभी सरकारों ने उनका साथ दिया. आगे भी सही फैसलों में हम साथ देंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों की हालत देखकर बहुत दुख होता है. मोदी सरकार के 6 साल होने के बाद भी मजदूर अपना घर छोड़कर दूर राज्यों में जाते हैं और रोजी-रोटी कमाते हैं. ये मोदी सरकार के लिए आई ओपनर होगा.

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मजदूरों के प्रति महाराष्ट्र सरकार की जिम्मेदारी पर उन्होंने कहा, मजदूरों की स्थिति पर पूर्ण रूप से राज्य सरकार को दोषी ठहराना ठीक नहीं है. जब मजदूर सरकार और पुलिस की बात सुनने को तैयार न हों तो क्या करें, क्या उन पर लाठी चलाना चाहिए था.

एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि बसों और ट्रेनों चलाने का फैसला एक महीने पहले लिया जाता तो लोग अपने अपने गांव पहुंच जाते और हड़कंप नहीं होता. सरकारों को भी राहत होती. इसके बाद राज्य सरकारें कोरोना से लड़ाई में ज्यादा बेहतर काम कर पाती. इसके बावजूद महाराष्ट्र सरकार ने मजबूती से फैसले लिए और कोरोना से बचने के लिए जरूरी कदम उठाए. यह पूरे देश की समस्या है इसके लिए पूरे देश को एक साथ मिलकर लड़ना चाहिए.

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