एनसीपी नेता प्रफुल पटेल ने इंडिया टुडे ग्रुप के e-एजेंडा कार्यक्रम में सरकार के कामकाज पर बात की. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के दौरान अजित पवार के डिप्टी सीएम बनने पर प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि वह एक व्यक्तिगत निर्णय भी हो सकता है. हो सकता है गलत फैसला भी लिया गया हो. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद जब सरकार बनाने की बात हुई तो स्वभाविक तौर पर बीजेपी और शिवसेना की सरकार बननी तय थी और बननी भी चाहिए थी क्योंकि उनका बहुमत था.
उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में हमारे पास नंबर नहीं था इसलिए हमें विपक्ष में बैठना था. लेकिन जब बीजेपी और शिवसेना में अनबन होने लगी और काफी समय तक अनिश्चित्ता की परिस्थिति बनी रही तो हो सकता है उस दौरान अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस ने बात की हो. उन्होंने बात की हो कि ये सरकार नहीं बन पा रही आप ही हमारे साथ आ जाइए.
पटेल ने कहा कि इस प्रकार की बातचीत हुई जरूर थी. वैसे हमारा सरकार में जाने का कोई मतलब ही नहीं था क्योंकि हमारे पास नंबर नहीं थे. ये सब बीजेपी और शिवसेना की अनबन के कारण हुआ था, लेकिन उसमें एनसीपी का कोई प्लान का नहीं था.
उन्होंने कहा कि इसमें कोई संशय नहीं है कि अजित पवार का ये प्लान था. इसी दौरान उन्होंने आजतक से बातचीत में कहा कि कुछ बातों को पर्दे के पीछे भी रहने देना चाहिए, ये इसलिए नहीं कि इसमें कुछ छिपाने की बात है लेकिन अब जो हो चुका है और सब बीत चुका है तो उस पर बात न ही हो. बाद में अजित पवार ने कहा भी कि मेरी मंशा एनसीपी को नाराज करने की नहीं थी.
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'हवाई सेवा शुरू करना सही फैसला'
कोरोना काल में हवाई सेवाओं के शुरू होने पर उन्होंने कहा, हवाई सेवाओं को शुरू करना जरूरी था इसलिए यह फैसला एकदम सही है. लेकिन लॉकडाउन से बाहर निकलना भी उतना ही जरूरी है. लोगों के यातायात पर पाबंदी लगा देना उचित नहीं था. लेकिन इन दिनों रेलवे की हालत को देखा गया कि किस प्रकार लोग बड़ी संख्या में स्टेशन पहुंचे और इस दौरान दूरी का ख्याल नहीं रखा गया.
उन्होंने कहा कि हवाई यात्रा के दौरान सावधानी बरती जाती है, वहां रेलवे या बस की तरह भीड़ नहीं होती. वहां काफी लिमिटेड लोग पहुंचते हैं इसलिए हवाई सेवाओं को शुरू करना सही फैसला है.
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'महाराष्ट्र सरकार वेंटिलेटर पर नहीं'
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि प्राकृतिक आपदा पर राजनीति करना ठीक नहीं है. महाराष्ट्र सरकार वेंटिलेटर पर नहीं है. महाराष्ट्र सरकार सही से काम कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि शरद पवार अच्छा काम करने पर मोदी की तारीफ करते हैं, वो कभी हल्की राजनीति नहीं करते. महाराष्ट्र में भी सरकार को शरद पवार के अनुभव का फायदा मिलता है.
कोरोना काल में राज्यपाल से मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्यपाल के निमंत्रण पर उनसे मिलने गए थे. शरद पवार ने कभी लक्ष्मण रेखा पार नहीं की.
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