भारत-चीन के बीच लंबे समय से लद्दाख बॉर्डर पर वास्तविक सीमा रेखा (LAC) के पास तनाव की स्थिति बनी हुई है. इसे कम करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर पर वार्ता हो रही है. देश के नंबर वन चैनल आजतक ने भी इसी मामले पर शनिवार को खास कार्यक्रम ‘सुरक्षा सभा’ का ओयजन किया. इस कार्यक्रम में भारत की सीमाओं पर मौजूदा तनाव और देश की ताकत का जायजा लेने के लिए विशेष मेहमानों को आमंत्रित किया. इन मेहमानों में राजनेताओं से लेकर सुरक्षा विशेषज्ञ और पूर्व सेनाधिकारी मौजूद रहे.
कार्यक्रम के सत्र 'मोदी है तो मुमकिन है' में देश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने अपनी बात सामने रखी. उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों और सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के अलावा भारत की विदेश नीति के बारे में सरकार का पक्ष रखा. इस सत्र का संचालन आजतक के एंकर रोहित सरदाना ने किया.
'अब मोदी सरकार है, तनाव बहुत दिनों तक नहीं रहेगा'
चीन की सेना के LAC के पास आ जाने के मामले पर राम माधव ने कहा कि इस मामले पर संयम के साथ बोलने की जरूरत है और आधिकारिक स्तर पर इस बारे में सरकार का पक्ष रखा जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि सेना और सरकार ने इस बारे में स्थिति देश के सामने रखी है, उसे सभी जानते हैं. राम माधव ने कहा कि इन्हीं विषयों पर इस समय दोनों देशों के बीच चर्चा हो रही है. राम माधव ने कहा कि 1986 में अरुणाचल प्रदेश में दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के आमने-सामने आंखों में आंखें डाले खड़ी हो गई थीं. उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब ऐसी नौबत नहीं आएगी. भाजपा नेता ने कहा कि डोकलाम में तीन देशों की सीमा पर तनाव हो गया था, जहां 70 दिनों तक गतिरोध चलने के बाद मामले का हल निकला और भारत मजबूती से अपने पक्ष को लेकर खड़ा रहा. उन्होंने उम्मीद जताई कि मौजूदा मामले का हल भी जल्द निकलेगा.
'दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच आज बेहतर संबंध'
भाजपा नेता राम माधव ने कहा कि मोदी सरकार के आने से पहले पांच-छह सालों में कम से कम 600 बार सीमा रेखा के अतिक्रमण के मामले सामने आए थे. साथ ही उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार के दोनों कार्यकालों में चीन की ओर से सीमा रेखा पर अतिक्रमण जैसी घटनाएं कम हुई हैं. राम माधव ने इसकी वजह बताया कि दोनों देशों के नेताओं के बीच आज बेहतर संबंध विकसित हुए हैं. उन्होंने कहा कि शीर्ष राजनीतिक स्तर पर सौहार्दपूर्ण संबंध विकसित होने का फायदा सैन्य गतिरोध को दूर करने में मिला है. राम माधव ने कहा कि दोनों देशों के नेताओं ने मित्रतापूर्ण माहौल में एक-दूसरे के देश के दौरे किए हैं.
चीन के साथ तनाव पर संयम के साथ बात रखने की जरूरत: राम माधव
राम माधव ने कहा कि चीन के साथ चल रहे तनाव को सुलझाने के लिए सेना के स्तर पर वार्ता चल रही है. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के मीडिया की ओर से इस मामले में अपना-अपना पक्ष रखा जा रहा है, लेकिन इस मामले पर संयम के साथ वार्ता करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि डोकलाम मामले के बाद भारत ने अपनी विदेश नीति का परिचय दिया है. उन्होंने कहा कि भारत मजबूती के साथ खड़ा भी रहेगा और इसी तरीके से अपना पक्ष भी रखेगा.
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राम माधव बोले- विपक्ष सुरक्षा के मामले में न करे राजनीतिभाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि विपक्ष को चीन के मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे पहले 2013 में चीन की ओर से सीमा पर अतिक्रमण हुआ था. लेकिन हमने ऐसी राजनीति नहीं की कि आपके समय में चीन कितनी दूर तक अंदर आ गया और हमारे समय में कितना. उन्होंने कहा कि हम विपक्ष में रहते हुए सरकार के साथ मजबूती से खड़े थे. इस समय भी विपक्ष को राजनीति से दूर रहना चाहिए.
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